झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन और भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए ने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इस चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन तक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों के रिश्तेदार भी इस चुनाव में प्रत्याशी बनाए गए हैं। इस तरह से झारखंड के इतिहास के सातों मुख्यमंत्रियों के परिवार के सदस्य या वो खुद ही चुनाव मैदान में उतरे हैं।
सोरेन परिवार के ये सदस्य चुनाव मैदान में
झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के परिवार के कई सदस्य इस चुनाव में उतरे हैं। शिबू सोरेन 02 मार्च 2005 से 11 मार्च 2005, अगस्त 2008 से जनवरी 2009 और दिसंबर 2009 से मई 2010 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। हेमंत भी तीन बार झारखंड की शीर्ष सत्ता तक पहुंच चुके हैं। पहले वह जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 और दिसंबर 2019 से जनवरी 2024 तक मुख्यमंत्री रहे। 4 जुलाई 2024 से तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। मुख्यमंत्री हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गांडेय सीट से टिकट दिया है।
शिबू सोरेन परिवार के दो और सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं। शिबू सोरेन के बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत के भाई बसंत सोरेन दुमका से झामुमो के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं शिबू सोरेन की बहू और स्व. दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार हैं। झारखंड में भाजपा की तरफ से 2024 लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले कुछ चेहरों को भी विधानसभा में मौका दिया गया है। इनमें एक नाम सीता सोरेन का है, जिन्हें लोकसभा में दुमका सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
तीन बार के सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी चुनाव मैदान में
झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा भी 2024 के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी पोटका सीट से भाजपा की प्रत्याशी बनाई गई हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव अर्जुन मुंडा भी उतरे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। अर्जुन मुंडा मार्च 2003 से मार्च 2005, मार्च 2005 से सितंबर 2006 और सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक झारखंड के सीएम थे।
राज्य के पहले सीएम खुद लड़ रहे चुनाव
राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। वह नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे। मरांडी फिलहाल झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं।
पहली बार पूरे पांच साल सरकार चलाने वाले रघुबर की बहू भाजपा की प्रत्याशी
झारखंड के 24 साल के इतिहास में एक ही मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पूरे पांच साल सरकार चलाई है और वो हैं रघुबर दास। उनकी बहू पूर्णिमा दास साहू को भाजपा ने जमशेदपुर पूर्व से प्रत्याशी बनाया है। 2014 से 2019 तक झारखंड की सत्ता संभालने वाले रघुबर दास अभी ओडिशा के राज्यपाल हैं।
झामुमो से बगावत करने वाले चंपई और उनके बेटे भी चुनाव मैदान में
पिछले कुछ महीनों में लगातार झारखंड की राजनीति की सुर्खियों में रहे चंपई सोरेन भाजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं। पूर्व जेएमएम नेता रहे चंपई को भाजपा ने सरायकेला सीट से उम्मीदवार बनाया है। चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन भी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें भाजपा ने घाटशिला सुरक्षित सीट से मौका दिया है। तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने करीब छह महीने झारखंड की सत्ता संभाली। वह 2 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 सीएम रहे और हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद उनकी कुर्सी चली गई। पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
मधु कोड़ा की पत्नी भी चुनाव मैदान में
निर्दलीय विधायक होकर झारखंड के सीएम बनने वाले मधु कोड़ा का परिवार भी इस चुनाव में जोर आजमाइश कर रहा है। मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। गीता को 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सिंहभूम सीट से प्रत्याशी बनाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।