देशभर में शारदीय नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है. इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है. इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाता है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. भगवान राम की पूजा करने से साधक को सभी तरह के कार्यों में सफलता मिलती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दशहरा पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में भगवान श्री राम की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी. साथ ही जीवन में खुशियां आएंगी. आइए जानते हैं दशहरा का शुभ मुहूर्त और योग
दशहरा शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10:59 बजे शुरू होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 बजे समाप्त होगी. इसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी. इस शुभ अवसर पर यानि 12 अक्टूबर को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ समय दोपहर में है.
दशहरा विजय मुहूर्त
विजय मुहूर्त दोपहर 02:03 बजे से 02:49 बजे तक है.
अभिजीत मुहूर्त रात 11:44 बजे से 12:30 बजे तक है.
गोधूलि मुहूर्त शाम 05:54 बजे से 06:19 बजे तक है.
शुभ योग
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इन योगों में भगवान राम की पूजा करने से साधक की सकल मनोकामनाएं पूरी होंगी. रवि योग का संयोग पूरे दिन है. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग भी पूरे दिन है. यह योग 13 अक्टूबर को समाप्त होगा। ज्योतिषी रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ मान रहे हैं। इन योगों में शुभ कार्य किए जा सकते हैं। खरीदारी भी की जा सकती है। इस शुभ तिथि पर खरीदारी करना बहुत शुभ होता है। इसके साथ ही दशहरे पर श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। कुल मिलाकर कई सालों बाद दशहरे पर एक साथ 4 शुभ योग बन रहे हैं।