मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के लिए केंद्र सरकार और भारतीय रेलवे ने बड़ा तोहफा दिया है. कई सालों से मेन लाइन से इंदौर की सीधी कनेक्टिविटी नहीं थी. लेकिन, अब ये परियोजना सफल होती नजर आ रही है.आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने सोमवार को इंदौर और मनमाड के बीच 18,036 करोड़ रुपये की नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी, ताकि सीधी कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके और गतिशीलता में सुधार हो सके.
केंद्र ने जारी की विज्ञप्ति
सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 309 किलोमीटर लंबी यह लाइन सबसे छोटे रेल मार्ग के माध्यम से वाणिज्यिक केंद्रों मुंबई और इंदौर को जोड़ने के अलावा, महाराष्ट्र के दो जिलों और मध्य प्रदेश के चार जिलों से गुजरते हुए उन जगहों को भी जोड़ेगी जहां अब तक कोई रेल कनेक्टिविटी नहीं है.
पीएम गति शक्ति के तहत बजट पास
इंदौर से मनमाड़ को जोड़ने वाली यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है. इसे एकीकृत योजना के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा और इसका उद्देश्य लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना है. केंद्र ने इस परियोजना के लिए कुल 18 हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया है.
बनाए जाएंगे इतने नए स्टेशन
केंद्र द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. नई लाइन परियोजना लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. यह लाइन 2028-29 तक पूरी हो जाएगी और निर्माण के दौरान लगभग 102 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी. यह परियोजना देश के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और मध्य भारत के बीच एक छोटा मार्ग प्रदान करके क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी.
महाकाल मंदिर के लिए बढ़ेगा पर्यटन
इस नए लाइन के बनने के बाद महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाएगी. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधी कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है, जो देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में और मदद करेगी. यह लाइन पीथमपुर ऑटो क्लस्टर को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिसमें जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से 90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग हैं.