खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बाराकुंड गांव में तीन दिन पहले एक व्यक्ति की उल्टी-दस्त से मौत और 33 से ज्यादा लोग बीमार में हैजा की शिकायत सामने आई है। बीमार लोगों के सैंपल और प्रदूषित कुएं के पानी का सैंपल डिविजनल लेबोरेटरी भेजा गया था। आज इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। तीन दिन पहले गांव के 33 लोगों को लगातार उल्टी-दस्त की शिकायत आई थी। जिला अस्पताल की टीम ने गांव में कैंप लगाकर डोर-टू-डोर लोगों का इलाज किया। मरीजों का सैंपल लिया और प्रारंभिक जानकारी में दूषित कुएं के पानी पीने से यह उल्टी-दस्त की शिकायत सामने आई थी। इसी के बाद 6 लोगो के सैंपल डिविजनल लैबोरेट्री इंदौर भेजे गए थे।
खालवा तहसील के बाराकुंड गांव में 3 दिन पहले एक व्यक्ति की उल्टी-दस्त से मौत हो जाने और 33 से ज्यादा लोग बीमार पड़े थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे गांव का दौरा किया और इलाज के लिए कैंप लगाया। जो लोग गंभीर थे, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने ट्यूबवेल से लिंक नल-जल योजना का पानी पिया था वह स्वस्थ है, जबकि एक वार्ड के लोग जिन्होंने खुले कुएं के पानी का उपयोग किया था उनमें उल्टी-दस्त की शिकायत पाई गई है। पता चला कि कुएं के पास ही गोबर का ढेर लगा हुआ था। इसी के चलते पानी दूषित हुआ।
डॉक्टरों की टीम ने कुएं के पानी और 6 मरीजों के सैंपल इंदौर के लेबोरेटरी में भेजे थे। आज यह रिपोर्ट आई, जिसमें इन लोगों में हैजा की शिकायत सामने आई है। डॉक्टर ने बीमार लोगों में से 15 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उनकी हालत अब ठीक है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव के दूषित कुएं के पानी का उपयोग भी बंद करवा दिया था। जो लोग बीमार थे, उनकी हालत अब ठीक है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर गांव में लगातार नजर बनाए हुए हैं, ताकि यह बीमारी ज्यादा नहीं फैले।