कुलपति का नाम कुलगुरु करने का विचार हमें इंदौर से ही आया था। गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है लेकिन आज हम उसे भूल चुके हैं। हमारे बीच में आज शिक्षक दिवस मनाया जाता है लेकिन गुरु पूर्णिमा नहीं मनाया जाता। शिक्षक का अपना महत्व है लेकिन गुरु का महत्व भी पता होना चाहिए। स्वामी विवेकानंद कॉलेज में शिक्षकों से पढ़े लेकिन गुरु के रूप में रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें जीवन की नई दिशा दी। शिक्षक हमें पाठ्यक्रम पढ़ाता है लेकिन गुरु हमें जीवन के अंत तक राह दिखाता है।
उन्होंने कहा की जीवन में गुरु ही राह दिखाता है इसलिए गुरु का स्थान जीवन में सर्वोपरि होता है। यह बातें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय स्थित यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में छात्रों और शिक्षकों को संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा की जिसके जीवन में गुरु होता है वही लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, इसलिए जीवन में हमेशा गुरु जरूर बनाएं। उन्होंने यह भी कहा की मध्यप्रदेश में कुलपति को अब कुलगुरु कहा जाएगा यह आदेश भी अब पूरे प्रदेश में लागू हो गया है।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सम्मानित हुए। इस दौरान मंच पर सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मालिनी गौड़, विधायक उषा ठाकुर, विधायक मधु वर्मा भी मौजूद रहे।
डेढ़ घंटा लेट आए मुख्यमंत्री
कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे से शुरू हुआ और मुख्यमंत्री मोहन यादव का संबोधन 10:45 बजे था लेकिन मुख्यमंत्री महोदय यादव कार्यक्रम में 12:15 बजे लगभग डेढ़ घंटे के बाद पहुंचे।