इंदौर पंचकुइयां रोड स्थित श्री युग पुरुष धाम आश्रम में छह बच्चों की मौत का मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक जांच दल इंदौर भेजा है। जांच टीम की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा कि अब मामला इंदौर का नहीं राज्य और राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए इसे लेकर पीएम मोदी हमेशा संवेदनशील रहते हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि इस विषय को लेकर आप पूरी तहकीकात करके आएं। जांच कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सबमिट की जाएगी।
जांच टीम ने इंदौर के सरकारी अधिकारियों पर सवाल उठाए
शनिवार को टीम ने यहां से दस्तावेज और कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जांच में ली है। साथ ही यहां की जांच में क्या मिला उसके दस्तावेज भी हासिल किए हैं। यह रिपोर्ट पहले पीएमओ को सबमिट होगी। डॉ. गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने रिपोर्ट मांगी है और उनकी ओर से पीएमओ को रिपोर्ट जानी है। पीएमओ से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। डॉ. गुप्ता ने इंदौर के सरकारी अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम जाकर जांच करना थी। इस बात को भी संज्ञान में लेना चाहिए। इस केस में हर पहलू पर बात करना होगी।
क्या है मामला?
इंदौर के श्री युग पुरुष धाम आश्रम में कई बच्चे एक साथ बीमार हुए। इनमें से छह बच्चों की मौत हो चुकी है। जांच रिपोर्ट में हैजे की बात सामने आई है। आश्रम में बच्चों को पीने के लिए गंदा पानी दिया जा रहा था और भोजन भी बहुत कम मिल रहा था। यह आश्रम युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरी महाराज की प्रेरणा से तुलसी शादीजा ने 2002 में यहां परमानंद हॉस्पिटल शुरू किया। नजदीकी लोगों के मुताबिक कुछ साल पहले यह जमीन किसी महिला ने दान में दी थी। इसके बाद परमानंद गिरी महाराज द्वारा यहां हॉस्पिटल खोलने के लिए जिम्मेदारी दी गई। परिसर में लगे पोस्टर में अध्यक्ष पवन ठाकुर और संचालक जीडी नागर का फोटो है। जीडी नागर का कहना है कि सेहत ठीक नहीं होने से मैंने डेढ़ साल पहले से ही हॉस्पिटल जाना बंद कर दिया है। अभी ‘युग पुरुष’ संस्था की अध्यक्ष अनिता शर्मा और सचिव तुलसी शादीजा है। शादीजा और उनके परिवार के लोग अस्पताल का संचालन करते है। घटना को लेकर ‘युग पुरुष’ के सचिव तुलसी शादीजा का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नहीं है। बेहतर है कि आप अध्यक्ष अनीता शर्मा से बात करें।
200 से अधिक बच्चे, अधिकतर अनाथ
यहां पर 200 से अधिक बच्चे वर्तमान में रह रहे थे। इनमें से अधिकांश बच्चे अनाथ हैं और मानसिक दिव्यांग हैं या उन्हें अन्य परेशानियां हैं। महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने कहा कि आश्रम की क्षमता 100 बच्चों को रखने की है। वहीं आश्रम संचालिका अनीता शर्मा का कहना है कि हमारे पास 200 बच्चों को रखने की अनुमति है। आश्रम में संक्रमण फैलने से 80 बच्चे गंभीर रूप से बीमार हुए और छह बच्चों की जान गई है। रविवार को पहले बच्चे की जान गई थी इसके बाद एक एक करके छह बच्चों की जान चली गई। अभी अस्पताल में 39 बच्चों का इलाज चल रहा है बाकी को डिस्चार्ज कर दिया गया है। डिस्चार्ज होने वाले बच्चों को स्वामी परमानंद के ही अखंड परम धाम नाम के खंडवा रोड स्थित आश्रम में रखा गया है।
सरकार से मिलता है सवा करोड़ रुपये का दान
आश्रम को सरकारी अनुदान मिलता है। सरकार यहां पर सालाना 60 से 80 लाख रुपए देती है। प्रति बच्चा 3 हजार रुपए प्रति माह के आसपास दिया जाता है। यह राशि संस्थान को अलग-अलग किश्तों में जारी की जाती है। इस वर्ष की राशि करीब 2-3 सप्ताह पहले ही जारी की गई थी। वहीं दूसरे दान और हॉस्पिटल से होने वाली आय को भी जोड़ा जाए तो यह राशि करीब सवा करोड़ के आसपास होती है।
आंकड़ों में जरूरी बातें
- 2006 में 78 बच्चों के साथ शुरू हुआ था आश्रम
- 200 से अधिक बच्चे रह रहे थे अभी
- 80 बच्चे हुए थे बीमार
- 6 बच्चों की गई जान
- 1 करोड़ रुपए से अधिक मिलता है दान