भोपाल। विधानसभा समेत लोकसभा चुनावों में मिली बीजेपी को मिली बंपर जीत का खुमार प्रदेश के माननीयों के सिर से उतरा नहीं है। जनता के लिए बड़ी राहत साबित होने वाली कवायद प्रदेश के मंत्रियों ने अब तक अपना वास्ता नहीं दिखाया। यहां बात सरकार और संगठन के उस फरमान की हो रही है, जहां मंत्रियों और विधायकों को गांवों में रात बितानी थी। इसे “गांव चलो अभियान” का नाम दिया गया।
छह माह पहले फरवरी में जारी इस फरमान पर एक मंत्री को छोड़ अब तक किसी भी मंत्री और विधायक ने किसी गांव में रात्रि विश्राम कर चौपाल नहीं लगाई। अभियान के तहत माननीयों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक भी लेना था। सरकार और संगठन की संयुक्त बैठकों में इस कवायद पर जोर देने की बात कही गई थी।
वहीं अब इस मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के माननीयों पर यदि केंद्रीय संगठन को भरोसा होता तो यूपी और बिहार के नेताओं की टीम चुनावी मैदान में न उतारनी पड़ती। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के विधायक और मंत्रियों को एसी के कमरों की आदत हो चुकी है। समस्याओं को लेकर जनता में भारी विरोध भी है। न तो महंगाई कम हुई, न गैस सिलेंडर सस्ता हुआ, न ही तीन हजार रुपये लाड़ली बहनों के खाते में आ रहे हैं। बेरोजगारी से युवा त्रस्त है जो दो करोड़ नौकरी के वादों का इंतजार कर रहा है। इन तमाम मुद्दों को लेकर जनता के विरोध से माननीय भाग रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया कि रिमोट कंट्रोल की इस सरकार में मंत्री-विधायक बेलगाम हैं।
उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता गुंजन चौकसे ने बताया कि विधानसभा समेत लोकसभा चुनावों के कारण जनप्रतिनिधि व्यस्त रहे। सबका साथ सबका विकास के नारे पर काम करने वाली बीजेपी के जनसेवक हर उस भूमिका में दिखाई देंगे, जिसका निर्देश दिया गया था। बीजेपी का मानना है कि प्रदेश में सरकार से लेकर जनप्रतिनिधि जनता की सेवा में जुटे हुए हैं। लिहाजा हर स्तर पर जनता की सुनवाई भी जारी है। बता दें कि निर्देश के बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रात्रि विश्राम के साथ चौपाल लगाकर लोगों से चर्चा की है।