इंदौर में बेटी को अपने पिता को नई जिंदगी दे दी। बेटी नाबालिग थी, इसलिए तमाम अचड़ने भी आई, मामला कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन आखिरकार जिंदगी जीत गई। गुरुवार को दिन में हाईकोर्ट ने नाबालिग बेटी को लिवर डोनेशन की अनुमति दे दी और देर रात डाक्टरों ने सर्जरी कर बेटी के शरीर से लिवर का कुछ हिस्सा निकालकर पिता के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया। दोनो फिलहाल अस्पताल में है।
डाक्टरों ने बताया कि पिता शिवनारायण बाथम का लिवर खराब हो चुका था, लेकिन उन्हें कोई डोनर भी नहीं मिल रहा था। पांच बेटियों से से बड़ी बेटी प्रीति लिवर देना चाहती थी,लेकिन नाबालिग होने के कारण डाक्टरों ने कोर्ट से अनुमति की बात कही। 13 दिन तक मेडिकल बोर्ड, शासन और कोर्ट की अनुमति के कारण सर्जरी नहीं हो पाई, लेकिन परिवार ने हिम्मत नहीं हारी औरर गुरुवार को दिन खुशियां लेकर आया।
13 दिन बीत जाने के कारण पिता की तबीयत खराब हो रही थी, इसलिए लिवर प्रत्यारोपण जरुरी था। हाईकोर्ट की अनुमति व अन्य अनुमतियां परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को दी। इसके बाद गुरुवार रात 9 बजे सर्जरी की तैयारी हुई। दोपहर मेें बेटी और पिता की जांचे की गई।
रिपोर्ट सामान्य होने के बाद रात को आपरेशन हुआ, जो रात दो बजे तक चला। शुक्रवार सुबह डाक्टरों ने दोनो का चेकअप किया। पिता की हालत ठीक है। उन्हेें सप्ताहभर बाद छुट्टी मिल जाएगी। डाक्टरों ने कहा कि बेटी के लिवर का कुछ हिस्सा ट्रांसप्लांट किया है। इससे भविष्य में उसे कोई परेशानी नहीं होगा। वह सामान्य जीवन जी सकेगी।