इंदौर-दाहोद रेल लाइन की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। पीथमपुर के समीप 2.9 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण के बाद दोनों सिरे खुल गए हैं। अब सुरंग में विशेष प्रकार की पटरियां बिछाई जाएंगी। इंदौर-दाहोद रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद इंदौर से मुंबई की दूरी 55 किलोमीटर घट जाएगी। अभी इंदौर से मुंबई के बीच रेल मार्ग की दूरी 829 किलोमीटर है।
फिलहाल इंदौर से मुंबई के लिए ट्रेन रतलाम होकर गुजरात के दाहोद का ट्रैक पकड़ती है। इस नए रेल मार्ग से मप्र के औद्योगिक श्हर पीथमपुर से मुंबई के बीच मालगाड़ी भी चल सकेगी और उद्योगों को अपने उत्पादन गुजरात तथा महाराष्ट्र तक पहुंचाने में आसानी होगी।
वर्ष 2007 में इंदौर-दाहोद रेल प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ था। तब इसकी लागत 7000 करोड़ रुपये थी, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ और लागत बढ़ती गई। वर्ष 2012 में रेलवे बोर्ड ने 1640 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूर किए। इंदौर से पीथमपुर, धार, सरदारपुर होते हुए दाहोद तक रेल लाइन तैयार हो रही है। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी बाधा टीही के पास बनी 2.9 किलोमीटर लंबी सुरंग थी।
इसका काम भी धीमी गति से चला। इस वजह से सुरंग में पानी भर गया और काम बंद हो गया था। पिछले साल सुरंग का काम फिर शुरू हुुआ। सुरंग से पानी निकालने में ही तीन माह का समय लग गया था। रेलवे ने सुरंग की खुदाई के लिए तीन लाख किलोग्राम विस्फोट सामग्री का उपयोग किया।
30 से ज्यादा मशीनों के साथ 24 घंटे सुरंग बनाने का काम किया गया, ताकि वर्षाकाल में फिर सुरंग में पानी न भर सके। सुरंग के दोनों सिरे खुलने के बाद अब यह समस्या नहीं रहेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब सुरंग में बेसाल्ट लैस ट्रैक बिछेगा।
गिट्टी का उपयोग नहीं
इस ट्रैक में गिट्टी का उपयोग नहीं होता है। इस विशेष ट्रैक में बार-बार मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ती है। ट्रैक बिछाने के साथ सिग्नल व विद्युत का काम भी टनल में होगा। इस काम पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगले साल तक यह काम पूरा हो जाएगा। सुरंग की ऊंचाई 6 मीटर है। यह सुरंग जमीन की सतह से 20 मीटर नीचे तैयार की गई है, ताकि मालगाड़ियों को ट्रैक पर ज्यादा चढ़ाई की जरूरत न पड़े।