मध्य प्रदेश के इंदौर और उत्तराखंड के ऋषिकेश में करीब 16 दिन पहले दो ट्रेनों में एक महिला के शरीर के टुकड़े बोरी और बैग में भरे हुए मिले थे.अब पुलिस ने महिला की हत्या मामले की गुत्थी सुलझा दी है. महिला की हत्या उज्जैन के एक वृद्ध ने दुष्कर्म का विरोध करने पर की थी. आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए लाश के कई टुकड़े कर बैग और बोरी में भर दो ट्रेन में छिपा दिए थे. मामले में मोबाइल से सुराग मिलने और मूक बधीर पत्नी की मदद से इंदौर जीआरपी ने आरोपी को गिरफ्तार कर रविवार को पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.
जीआरपी ने की मामले की पड़ताल
बता दें कि 8 जून को इंदौर रेल्वे यार्ड में महू पैसेंजर ट्रेन जनरल कोच की सीट के नीचे एक ट्रॉली बैग और बोरी में महिला का धड़ मिला था. जीआरपी इस मामले में पड़ताल कर रही थी, फिर 10 जून को उतराखंड में योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच की कपलिंग में प्लास्टिक की बोरी में हाथ और पैर मिले थे. मृतका 6 जून को पति से विवाद होने पर बस से उज्जैन पहुंची थी, यहां मथुरा जाने के लिए वह स्टेशन पर बैठी थी.
गला घोटकर हत्या, फिर छुरे से काटा
उज्जैन स्टेशन पर मृतका के पास कमलेश पिता राम प्रसाद पटेल 60 वर्ष निवासी ललितपुर हाल मुकाम हीरामिल उसके पास पहुंचा. महिला को बरगलाकर घर ले गया. 7 जून की सुबह धोखे से नींद की गोली खिलाकर दुष्कर्म का प्रयास किया. अर्ध-मूर्छित होने पर महिला ने विरोधकर चिल्लाने लगी तो कमलेश ने लोहे का नट मारकर बेहोश कर दिया. इसके बाद रस्सी से गला घोट दिया. हत्या के बाद छूरे से शरीर काटकर बैग व बोरियों में भर तीन पैकिंग बनाई. दो पैकिंग 8 जून की सुबह इंदौर नागदा पैसेंजर ट्रेन और शाम को एक पैकिंग इंदौर देहरादून ट्रेन में रख भाग गया.
ऐसे खुला हत्या का राज
पुलिस के अनुसार आरोपी कमलेश ने महिला की हत्या के बाद उसकी सिम अपने मोबाइल पर डाली थी. हत्यारे की तलाश के लिए महिला के मोबाइल की सीडीआर निकाली तो आरोपी का सुराग मिल गया. पूछताछ करने पर उसने झूठ बोलने का प्रयास किया. लेकिन उसकी मूक बधिर पत्नी आरती ने इशारों से बताकर राज खोल दिया और कमलेश को भी सच उगलना पड़ा. डीएसपी राजेंद्र सिंह ने बताया की रविवार को उसे कोर्ट में पेश कर दिया है.