मोदी कैबिनेट में मंत्री बने शिवराज सिंह चौहान, केंद्र में संभालेंगे बड़ी जिम्मेदारी, मध्य प्रदेश से दिल्ली तक ऐसा रहा राजनीतिक सफर

भोपाल। नरेंद्र मोदी ने आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, नितिन गड़करी ने भी गोपनीयता की शपथ ली। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्री शिवराज इस चुनाव में 8,20,868 मतों से जीत हासिल कर सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा को पटखनी दी।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

मध्य प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव में सबसे बड़ा चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार शिवराज एमपी में 4 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह महज 13 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए और फिर लगातार कामयाबी हासिल करते रहे। वह सीएम बनने से पहले विदिशा लोकसभा सीट से 5 बार सांसद और इस बार भी उसी सीट से सांसद चुने गए। वह 6 बार विधायक भी रहे हैं। 5 मार्च 1959 को को जन्मे शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। वह 1972 में 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़ गए।

शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को हुआ। उनके पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान और माता सुंदरबाई चौहान है। उन्‍होंने भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्‍त की। सन् 1975 में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल (मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल) के छात्रसंघ अध्यक्ष बनें। आपातकाल का विरोध किया और 1976-77 में भोपाल जेल में बंद रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल गए। 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। वर्ष 1992 में उनका साधना सिंह के साथ विवाह हुआ। उनके दो बेटे हैं।

समिति अध्यक्ष

शिवराज सिंह चौहान विभिन्न समितियों के अध्यक्ष भी रहे वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे।

मुख्यमंत्री के रूप में

शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। चौहान को 10 दिसंबर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

शिवराज सिंह मुख्यमंत्री के रूप में रिकॉर्ड

शिवराज सिंह मध्‍यप्रदेश में सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। शिवराज ने 13 वर्ष 17 दिन का मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है। 2018 में उन्होंने 15 महीने के बाद फिर से मुख्यमंत्री के पद शपथ ली। इसके अलावा मध्यप्रदेश मे सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किया है। 23 मार्च को शिवराज जी ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके पहले ये रिकॉर्ड अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्‍ल के पास था। वह मध्‍य प्रदेश के तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 24 मार्च 2020 शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ चौथी बार ली।

राजनीतिक करियर

1972 – 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये।
1975 – मॉडल स्कूल छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये।
1975 – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे।
1976 – आपातकाल के विरुद्ध भूमिगत आंदोलन में भाग लिया और कुछ समय के लिए भोपाल जेल में कैद रहे।
1977 – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने।
1980 – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव।
1982 – अखिल भारतीय विद्यार्थी की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य।
1984 – भारतीय जनता युवा मोर्चा मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव रहे।
1985 – भाजयुमो महासचिव।
1988 – युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
1990 – बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।
1991 – विदिशा का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य।
1991 – अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी के संयोजक।
1992 – अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने।
1992 – भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त।
1992 – मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति सदस्य नियुक्त।
1993 – 1996 श्रम और कल्याण समिति के सदस्य।
1994 – हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
1996 – 11 वीं लोकसभा में विदिशा से (दूसरी बार) संसद सदस्य के रूप में पुनः निर्वाचित।
1996 – शहरी और ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति, हिन्दी सलाहकार समिति एवं श्रम और कल्याण समिति के सदस्य नियुक्त।
1997 – शहरी एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य।
1997 – मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश महासचिव।
1998 – प्राक्कलन समिति, 1999-2000 में कृषि समिति तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।
1994 – वर्ष 2000 तक हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य।
1999 – विदिशा से चौथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए।
2000 – भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
2005 – भाजपा मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष।
2019 – भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।

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