केरल के हवाई अड्डों से विभिन्न गंतव्यों के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें लगातार दूसरे दिन रद्द की गईं। इससे यात्रियों को एक बार फिर परेशानी झेलनी पड़ी। तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और कन्नूर हवाई अड्डों पर यात्रियों को उस समय निराशा का सामना करना पड़ा जब खाड़ी देशों के लिए लगातार दूसरे दिन अंतिम समय में उड़ानें रद्द कर दी गईं। उड़ानें अचानक रद्द होने से यात्रियों के बीच निराशा फैल गई। उन्होंने बताया कि वे अपनी योजनाओं के लिए एयरलाइन के आश्वासन पर निर्भर थे।कोझिकोड के कारीपुर हवाई अड्डे पर एक यात्री ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे कल एयर इंडिया एक्सप्रेस ने आश्वासन दिया था कि मैं गुरुवार को कतर की यात्रा कर सकता हूं। लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। मुझे आखिरी समय में बताया गया कि मेरी उड़ान लगातार दूसरे दिन फिर से रद्द कर दी गई है।”
एक अन्य यात्री ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर एक टीवी चैनल को बताया कि जब खाड़ी क्षेत्र जाने वाली उनकी उड़ान कल रद्द कर दी गई थी तो उन्हें आज का टिकट दिया गया था। उन्होंने कहा, “जब आज मैं यहां (तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे) पहुंचा तो एयरलाइन ने मुझे बताया कि उड़ान फिर रद्द हो गई है। अगर मैं आज रात तक अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुंचता हूं, तो मेरा वीजा समाप्त हो जाएगा और मैं अपनी नौकरी खो दूंगा।” तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर एक अन्य यात्री ने कहा कि एआई एक्सप्रेस ने उनसे दूसरी एयरलाइन में टिकट लेने के लिए कहा, लेकिन वे ऐसा करने में असमर्थ है। उन्होंने कहा, “वे हमें दूसरी एयरलाइन पर टिकट प्राप्त करने में मदद क्यों नहीं कर सकते? उन्हें इसके लिए हमें भुगतान करना चाहिए।”उधर, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने चालक दल के करीब 25 सदस्यों को टर्मिनेशन लेटर जारी किए हैं, जिनके बीमार होने की सूचना देने की वजह से एयर इंडिया एक्सप्रेस को 90 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ी।
सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी ने बीमार होने की रिपोर्ट करने वाले चालक दल के बाकी सदस्यों को अल्टीमेटम दिया है कि वे गुरुवार शाम चार बजे तक ड्यूटी पर लौट आएं या फिर बर्खास्तगी का सामना करें।
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने चालक दल के सदस्यों की अनुपलब्धता के कारण गुरुवार को भी कम से कम 60 उड़ानें रद्द कीं। चालक दल के सदस्यों के एक वर्ग की सामूहिक रूप से छुट्टी पर जाने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।