कैलाश विजयवर्गीय का तंज, बोले- कमलनाथ अकेले आते तो ठीक, BJP कोई डस्टबिन नहीं

इंदौर

इंदौर। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम को भाजपा में शामिल करने को लेकर ताई और भाई के बीच खाई एक बार फिर गहरी हो चुकी है. आठ बार की सांसद और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम को बीच चुनाव में ही भाजपा में शामिल करने की घटना पर सवाल उठाए. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अब इस मामले को लेकर बैकफुट पर हैं.

सुमित्रा महाजन ने जताया विरोध

दरअसल, बीते दिन सुमित्रा महाजन ने इंदौर सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा भाजपा ज्वाइन करने और पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें ज्वाइन कराने पर सवाल उठाए थे. महाजन ने कहा था कि ‘ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं को निर्णय लेने का अधिकार है. इसलिए इस तरह के घटनाक्रम की कोई जरूरत नहीं थी.’ इस मामले में कांग्रेस के लगातार विरोध और मुखर होने के बीच सुमित्रा महाजन के बयान को कांग्रेस ने आधार बनाकर भाजपा को घेरने की कोशिश की थी. इसी बीच कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान से हटाने के बाद कांग्रेस नोटा को प्रमोट कर रही है.

विजयवर्गीय बोले ताई की बात का नहीं दूंगा जवाब

वहीं मतदाताओं से भी नोटा का बटन दबाने की अपील की जा रही है. रविवार को इंदौर में प्रेस वार्ता के दौरान कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष फिर यही सवाल आया तो उन्हें कहना पड़ा की ताई उनकी पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए वह उनकी कोई भी बात का जवाब नहीं देंगे. गौरतलब है कि 29 अप्रैल को नाम वापसी के आखिरी दिन कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया था. इस मुद्दे पर ताई का कहना था कि ‘वह उन परिस्थितियों से अनजान थीं. जिनके कारण यह स्थिति पैदा हुई. उन्होंने कहा था कि मेरी जानकारी में नहीं था कि यह सब हमारे लोगों ने किया है, लेकिन फिर भी कांग्रेस प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के बाद चुनाव लड़ना चाहिए था.’

भाजपा कोई डस्टबिन नहीं, जो सारा कचरा शामिल किया जाए

कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने इंदौर में प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय बम को बिना शर्त और तत्काल भाजपा ज्वाइन करने के सवाल पर कहा कि ‘कमलनाथ यदि पार्टी में अकेले आते तो मैं उनका स्वागत करता, लेकिन बीजेपी को डस्टबिन नहीं है कि सारे कचरे को शामिल कर दिया जाए. कैलाश विजयवर्गीय का इशारा उनके कई समर्थकों की तरफ था. जिन्हें कैलाश विजयवर्गीय भाजपा में शामिल नहीं होने देना चाहते. कमलनाथ को लेकर निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को करना था, लेकिन इन सारी अटकलें के बीच कमलनाथ खुद भी इशारा कर चुके थे कि उन्होंने खुद कभी आगे आगकर भाजपा ज्वाइन करने की कोई पहल नहीं की.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *