ग्वालियर। मध्य प्रदेश केग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र में बीती सोमवार की रात निर्माणाधीन मकान के गिरने से उसके नीचे घर में सो रहे निगमकर्मी जगदीश वाल्मीकि मलबे में दब गए। सूचना के बाद रेस्क्यू करने पहुंची SDRF की टीम ने उन्हें मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने दोषी मकान मालिक के खिलाफ FIR की मांग को लेकर मृतक का शव रखकर हजीरा चौक पर चक्काजाम कर दिया।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पड़ोसी महावीर राजपूत को मकान के निर्माण के लिए रोका गया था और उसके द्वारा तलघर की खुदाई भी बिना नगर निगम की अनुमति के की गई थी। जबकि पड़ोसी का मकान कच्चा था और नींव भी बेहद कमजोर थी। इन लोगों ने इस मामले में महावीर राजपूत के खिलाफ FIR दर्ज कर मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा देने की मांग की। पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आश्वस्त किया है कि वैधानिक कार्रवाई और कानून सम्मत तरीके से इस मामले का निराकरण किया जाएगा।
गौरतलब है कि राठौर चौक पर रहने वाले किराना कारोबारी महावीर राजपूत अपने मकान को दोबारा से बनवा रहा था। इसके लिए उसने जगदीश के मकान के बगल से बिना अनुमति के तलघर भी खोद डाला था। पड़ोसियों की आपत्ति के बावजूद महावीर ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में गम्भीर लापरवाही के चलते आधी रात को यह घटना घटित हो गई। एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के अमले ने रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन करके निर्माणाधीन मकान के मलबे को हटाया और बुरी तरह से जख्मी अधेड़ जगदीश वाल्मीकि को अस्पताल भर्ती कराया था। लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।
मंगलवार दोपहर को मृतक जगदीश के शव को परिजनों ने हजीरा चौराहे पर रख दिया। यहां कांग्रेस नेता सुनील शर्मा भी आ गए। उन्होंने भी मृतक परिवार को सांत्वना देते हुए प्रशासन से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि मृतक जगदीश बाल्मीकि नगर निगम में सफाई कर्मी थे।