45 घंटे बाद जिंदगी की जंग हारा मासूम, बोरवेल में गिरे मयंक ने तोड़ा दम।

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रीवा के मनिका गांव में एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था जिसे निकालने के लिए रेस्क्यू टीम नहीं हुई थी बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के सामने गड्ढा खोदा गया था.

रीवा के एक गांव में छह वर्षीय बच्चे खेलने के दौरान बोरेवेल (Borewell) में गिर गया था. बच्चा शुक्रवार शाम बोरवेल में गिरा था. करीब 45 घंटे बाद उसे बोरवेल से निकाल लिया गया है. हालांकि जब तक एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम मयंक तक पहुंची उसकी मौत हो चुकी थी. वह जिंदगी की जंग हार गया.

यह बच्चा शुक्रवार को गेहूं के खेत में अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था. तभी वह वहां एक बोरवेल में गिर गया जिसकी गहराई 160 फीट थी. बच्चे के दोस्तों ने उसके माता-पिता को घटना की जानकारी दी. फिर परिजनों ने स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी. प्रशासन ने रेस्क्यू टीम भेजी और राहत कार्य शुरू किया गया. पहले दिन बारिश के कारण राहत कार्य में बाधा आई. वहीं, मिट्टी गिरने से बच्चा और नीचे चला गया और उससे संपर्क भी नहीं हो रहा था. जबकि पहले दिन कैमरा लगाकर रेस्क्यू टीम उसका मूवमेंट देख रही थी.

डिप्टी सीएम ने लिया था राहत कार्य का जायजा
रीवा की इस घटना पर मध्य प्रदेश सरकार की भी नजर थी. राजेंद्र शुक्ल ने शनिवार को रीवा के मनिका गांव का दौरा किया था. वहां उन्होंने राहत कार्य़ का भी जायजा लिया था. इसकी जानकारी उन्होंने खुद ‘एक्स’ पर दी थी. उन्होंने कहा था कि ”मयंक सुरक्षित बाहर निकले यही हम सभी की ईश्वर से प्रार्थना है. प्रशासन और बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के जवान इस दिशा में बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्यरत हैं.”

45 घंटे के बाद आई दुखद खबर
उधर, बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम जुटी हुई थी. बोरवेल के सामने एक गड्ढा खोदा जा रहा था. इलाके में एम्बुलेंस भी तैनात कर दिया गया था. बच्चे को 45 घंटे की मशक्कत के बाद निकाल लिया गया और फिर उसे एम्बुलेंस से स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह देश की पहली घटना नहीं है. बोरवेल में मासूम बच्चे की गिरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं लेकिन लोग लापरवाही दिखाते हुए बोरवेल को खुला छोड़ देते हैं. बताया जा रहा है कि रीवा में जिस खेत में बोरवेल था उसके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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