नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किया गया है। 23 मई से देशभर के बैंकों में नोट जमा हो रहे हैं और बदले जा रहे हैं। लेकिन, लोग 2,000 रुपये के नोट को बदलवाने से ज्यादा अपने बैंक खाते में जमा कराने में लगे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक के पास ही हफ्ते भर में ही 14,000 करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 हजार रुपये वाले नोट जमा हुए हैं। वहीं, इसकी तुलना में बैंक से लोगों ने केवल 3,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट चेंज किए हैं। इससे साफ पता चलता है कि लोगों का जोर नोट जमा कराने पर ज्यादा है।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने इसकी जानकारी दी है। खारा ने बताया, करीब 14,000 करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट बैंक में जमा हुए हैं। वहीं, बैंक ब्रांचों से 3,000 करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के करंसी नोट बदलवाए गए हैं। हालांकि, अभी दूसरे किसी बैंक ने जमा हुए और बदलवाए गए नोटों का आंकड़ा जारी नहीं किया है। लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक में आए नोटों से पता चलता है कि लोगों का रुझान नोट जमा कराने में ही ज्यादा है।
आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा करने के साथ ही कहा था कि इन नोटों को 30 सितंबर तक बैंकों जमा कराया और बदलवाया जा सकता है। 23 मई से यह काम चालू है।
देश में नवंबर 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद 2,000 रुपये का नोट चलन में आया था। मोदी सरकार ने नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की थी। इन नोटों के बंद होने के बाद करंसी की कमी न हो, इसलिए 2,000 का नोट बाजार में उतारा गया। हालांकि पिछले लंबे समय से 2000 रुपये के नोटों की छपाई नहीं हो रही थी। एटीएम से भी 2000 रुपये के नोट नहीं निकल रहे थे।
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