हिंदू धर्म में बहुत सी मान्यताएं हैं जिसके नियम का हमें बहुत ध्यान रखना चाहिए. ऐसे ही मौली या कलावा बंधवाते समय नियम को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है.
हिंदू धर्म में मौली बांधने का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत मौली या कलावा बांध कर की जाती है. इस मौली को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है.
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कलावा या मौली बांधने के कुछ नियम है. इन नियमों का हमे पालन करना चाहिए. साथ ही हमे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की कलावा किस हाथ में बंधवाएं.
कुंवारी कन्याओं और पुरूषों को हमेशा दहिने (Right) हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए. वहीं विवाहित महिलाओं को बाएं (Left) हाथ में कलावा बंधवाना शुभ होता है.
जब भी कलावा बंधवाएं तो अपने हाथ में दक्षिणा हमेशा रखें, साथ ही इस मुट्ठी को बंद रखें. साथ ही कलावा बंधवाते समय एक हाथ सिर के ऊपर होना जरूरी है.
कलावा बांधते समय इस दिन का खास ख्याल रखें की कलावे को हाथ में 3, 5 या 7 बार घूमाएं या लपेटें. कलावा बांधते समय ‘ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल’ मंत्र का जाप करना चाहिए.
अगर आप कलावा उतारना चाहते हैं तो मंगलवार या शनिवार के दिन उतारे. वहीं कलावा उतारने के बाद उसे फेंके नहीं, उसे किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें, या बहते पानी में प्रवाहित कर दें.