लोकसभा चुनाव के बीच बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी सांसद मलूक नागर ने बसपा का दामन छोड़ दिया है. उन्होंने इस सदंर्भ में एक चिट्ठी भी जारी की है. उन्होंने कहा है कि बड़ी मजबूरी में पार्टी छोड़नी पड़ रही है.
नागर ने कहा कि आगे की रणनीति बतायेंगे. राजनीति संभावना का खेल है. पार्टी छोड़ते हुए मलूक नागर ने दो पन्ने की चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने कहा है कि हमारे परिवार में करीब पिछले 39 वर्षों से लगातार काँग्रेस व बसपा द्वारा कई बार ब्लॉक प्रमुख व कई बार चेयरमैन जिला परिषद अध्यक्ष जिला पंचायत व कई बार विधायक (M.L.A./M.L.C) व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री व देश में सांसद लगातार रहते आ रहे हैं, इस करीब 39 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि हम विधायक भी नहीं लड़ पाए व सांसद भी नहीं लड़ पाए.
मलूक ने लिखा- हमने दिसंबर 2006 में आपके आशीर्वाद से बसपा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, आपके आशीर्वाद से हम कई पदों पर रहे, इसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे, हमारे परिवार की राजनीतिक हैसियत और सामाजिक हैसियत या देश स्तर पर पहचान वाला कोई भी व्यक्ति नहीं जो हमारे जितना लंबा समय के लिए बसपा पार्टी में रहा हो, उसे कुछ सालों में बसपा पार्टी द्वारा निकाल दिया गया या वह खुद बसपा पार्टी छोड़कर चला जाता हैं. मैं दावे से कर सकता हूं कि बसपा पार्टी में मैं व मेरे परिवार को इतने लंबे समय तक कई बार उतार-चढ़ाव देखने के बाद भी बसपा पार्टी में ही रहे।
संसद में आवाज उठाई- मलूक
नागर ने कहा कि 854 मुद्दों को उठाया, या ये कहे की 17वीं लोकसभा में सबसे अधिक मुद्दों को उठाया व हम बाबा अंबेडकर सामान्यराम साहब व चौधरी काम सिंह व सभी जाति धर्म में जन्मे महापुरुषों की आवाज भी उठाई, बिजनौर लोकसभा और पूरे देश के हर हिस्से में किसानों, दलित, पिछड़ों, गरीबों, मजकू की आवाज संसद में उठाए.
बसपा के पूर्व नेता ने कहा कि आज के परिवेश व कई राजनीतिक कारणों से हम आज बसपा पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं. आपके साथ करीब 18 वर्ष, साथ रहकर जो समय गुजारा व आपका आशीर्वाद मिला, उसके लिए हम हमेशा आभागी रहेंगे. धन्यवाद।