औद्योगिक क्षेत्र में इंदौर ने आज एक नई इबारत लिखी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर के प्लग एंड प्ले गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पार्क का वर्चुअल शुभारंभ किया। पीएम मोदी ने इस पार्क का भूमिपूजन विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश कार्यक्रम के दौरान किया। इसी के साथ प्रदेश के सबसे बड़े ऑडिटोरियम का भी लोकार्पण पीएम के द्वारा किया गया। यह ऑडिटोरियम स्व. लता मंगेश्वर की स्मृति में बनाया गया है। इस कार्यक्रम के साथ मप्र में 17,500 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास वर्चुअल हुआ।
कपड़ों के व्यापार का मुख्य केंद्र था इंदौर
गौरतलब है कि पहले इंदौर भारत में कपड़ों के व्यापार का मुख्य केंद्र था। मिलों के बंद होने के बाद कपड़ों का कारोबार यहां से अन्य शहरों की तरफ जाने लगा। अब इस पार्क के आने से इंदौर के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। इससे इंदौर एक बार फिर से कपड़ों के उत्पादन, व्यापार और निर्यात का बड़ा केन्द्र बनेगा।
जरूरी जानकारी
कहां बन रहा पार्क – इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स परदेशीपुरा
कीमत – 187 करोड़
यूनिट – पार्क में 200 प्रोडक्शन यूनिट्स खुलेंगी साथ ही स्किल ट्रेनिंग और डेवलपमेंट सेंटर भी बनेगा
उद्योग श्रेणी – कपड़ा निर्माण, पैकेजिंग मैटेरियल, सैनेटरी पैड्स आदि छोटे उद्यम
जगह के साथ बिजली भी मिलेगी यहां
यहां कपड़ा निर्माण, पैकेजिंग मैटेरियल, सैनेटरी पैड्स आदि छोटे उद्यम को बढ़ावा दिया जाएगा। प्लग एंड प्ले गारमेंट मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स पार्क एमपी का पहला प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स होगा। प्लग एंड प्ले पार्क के निर्माण का उद्देश्य वैसे उद्यमियों की मदद करना है जो जमीन के अभाव में फैक्ट्री नहीं लगा पा रहे हैं। अब उन्हें जमीन के साथ-साथ बिजली भी मिलेगी। उद्यमी उपकरण व मैनपावर साथ लाएं और मशीनरी के लिए प्लग ऑन करें। उनकी फैक्ट्री का काम इन सुविधाओं की वजह से तेजी से चलेगा।
ऑडिटोरियम की खास बातें
यह प्रदेश का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम है। यहां पर दो करोड़ का लंदन का एडवांस हाई फाई साउंड सिस्टम लगाया है। 30 से ज्यादा स्पीकर्स भी हैं। दर्शकों के आने जाने के लिए पीछे का गेट है। आगे का गेट वीआईपी एंट्री के लिए है। 1250 कुर्सियां हैं जो ऑटोमैटिक फोल्डेबल हैं। दर्शकों के उठते ही यह फोल्ड हो जाएंगी। आगे वीआईपी के लिए 12 खूबसूरत सोफे हैं जिसकी बैठक कैपेसिटी 35 है। आईडीए इसका जिम्मा एजेंसी को देगा ताकि इसका नियमित मेंटनेंस हो। इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा। संबंधित एजेंसी ही फिर कार्यक्रमों के लिए बुकिंग आदि के चार्जेस तय करेगी।