कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. उनके निष्कासन पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया आ रही है. इस मसले पर जब केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि एक पार्टी जो पहले देश को दिवालिया करना चाहती थी, वह खुद ही दिवालिया हो गई है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, ”जिस पार्टी की विचारधारा पहले देश को दिवालिया करने की थी. अब वह खुद ही दिवालिया हो गई है. न कोई सोच है, न कोई विचारधारा है, न कोई नीति है. केवल स्वत: की सोच है. जो पार्टी भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को नकारेगी, देश की जनता ने जैसे 10 साल तक नकारा था, वैसे ही आगे नकारेगी.” ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं. उसके बाद से वह लगातार कांग्रेस पर हमलावर रहे हैं.
अनुशासनहीनत का आरोप लगाकर निकाले गए आचार्य प्रमोद
कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को निष्कासित करते हुए कहा है कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायत मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है. कांग्रेस ने उन्हें छह वर्षों के लिए निष्कासित किया है. इसके बाद आचार्य प्रमोद ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता.” इस ट्वीट में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जगह राहुल गांधी को टैग किया था.
आचार्य प्रमोद का निष्कासन ऐसे वक्त में हुआ जब उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास कार्यक्रम का न्योता दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी के अन्य नेताओं को भी न्योता दिया था.