मकर संक्रांति पर क्या है स्नान और दान का महत्व?

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ग्रहों के राजा सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना की जाती है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की आराधना करने से जातक के सभी कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। इस दिन से सूर्य की उत्तरायण गति आरंभ होती है और इसी कारण इसको उत्तरायणी भी कहते हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही खरमास का भी समापन हो जाता है और शादी-विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट जाती है। 

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है। पर कभी-कभी यह त्योहार 15 जनवरी को भी हो जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य देव को धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जा रही है। 

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