इंदौर के चिड़ियाघर में नए मेहमान की आमद हुई। गुजरात के जाम नगर से 10 घंटे का सफर तय करने के बाद नए मेहमान जेब्रा का एक जोड़ा इंदौर पहुंचा। जिसे देखने के लिए दर्शक इंतजार कर रहे हैं। खुला पिंजरा अब उनका नया घर होगा। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जेब्रा का जोड़ा इंदौर पहुंचा है। बदले में नगर निगम जामगर प्राणी संग्रहालय को सफेद बाघ भेजेगा।
शाम को जेब्रा का जोड़ा एक पिंजरे में सवार होकर चिड़ियाघर पहुंचा। तब मेयर पुष्यमित्र भार्गव वहां मौजूद थे। जेब्रा को खुले पिंजरे में जब शिफ्ट किया गया तो वह इधर-उधर चहलकदमी करने लगेे। नया घर नए मेहमानों को पसंद आया। नए मेहमान को देखने के लिए भी पिंजरे के बाहर भीड़ लगी रही।
अब एक दो दिन में सफेद बाघ इंदौर से जामनगर पहुंचाया जाएगा। इंदौर चिड़ियाघर में शेर, बाघ, चीतल, हिरण ज्यादा संख्या है। समय-समय पर चिड़ियाघर प्रबंधन उन्हें दूसरे चिड़ियाघरों में भेजता है और वहां से आने वाले दूसरे वन्य प्राणी इंदौर के पिंजरों में रखे जाते हैं। पिछले साल विदेशी पक्षी, सांप, कछुआ, पाकेट मंकी व अन्य वन्य प्राणी इंदौर भेजे गए थे।
वर्षों पहले थे इंदौर में जेब्रा
पुराने चिडि़याघर में जेब्रा वर्षों पहले थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर बाद में नहीं बचे। जब चिड़ियाघर का विस्तार हुआ तो इंदौर में फिर जेब्रा लाने की कवायद की गई। अफ्रीकन जेब्रा के लिए मुंबई के वीरा माता जीजाबाई चिड़ियाघर प्रबंधन से चर्चा हुई। दोनों के बीच सहमति भी बनी, लेकिन जेब्रा इंदौर नहीं आ पाया। इसके बाद अहमदाबाद और बेंगलुरु चिड़ियाघर से भी चर्चा हुई, लेकिन जामनगर चिड़ियाघर इंदौर में जेब्रा भेजने के लिए राजी हुआ।
बदले में सफेद बाघ मांगा गया। इंदौर में पांच साल पहले चिड़ियाघर का विस्तार हुआ। 52 एकड़ में फैले चिड़ियाघर में 1200 से ज्यादा प्राणी हैं। पक्षी विहार और सांप घर दो साल पहले बनाया गया है। वहां काफी लोग जाते हैं। आने वाले दिनों में इंदौर में अन्य वन्य प्राणी भी इंदौर लाए जाएंगे।