कभी MP पर राज करने वाले शिवराज-कमलनाथ अब सिर्फ विधायक, दोनों के पास न कोई जिम्मेदारी न ही कोई पद

राजनीति

हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कुछ को खुशी तो कुछ को भारी निराशा दी है. विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश के दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में बड़ा फेरबदल देखने को मिला. सत्ताधारी दल में साढ़े 16 साल से मुख्यमंत्री पद संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान की जगह पर डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया गया तो वहीं कांग्रेस में पीसीसी चीफ कमलनाथ के स्थान पर जीतू पटवारी को जिम्मेदारी दे दी गई.

विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर सफलता मिली. तीन दिसंबर को आए परिणामों में बीजेपी को 163 सीटें तो कांग्रेस को महज 66 सीटें ही मिलीं. एक निर्दलीय विधायक भी चुना गया. अन्य प्रमुख दल समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकीं. विधानसभा चुनाव के बाद दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ.

शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव
बीते साढ़े 16 सालों से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव को सीएम पद की सौगात दी है. डॉ. यादव ने सीएम पद की शपथ के बाद से कामकाज भी संभाल लिया है. तो वहीं दूसरे अन्य नेताओं में बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष तो वहीं वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर बनाया. फिलहाल पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास कोई जिम्मेदारी नहीं है.

कमलनाथ नहीं अब पटवारी के हाथ में कांग्रेस
इधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में भी बड़ा फेरबदल देखने को मिला. बीते लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व सीएम कमलनाथ के स्थान पर राऊ से विधानसभा चुनाव हारे जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ की कमान दे दी गई है. एक दिन पहले ही जीतू पटवारी ने पीसीसी चीफ का पदभार ग्रहण किया तो वहीं आदिवासी विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. वहीं हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है. फिलहाल पूर्व सीएम कमलनाथ के पास भी प्रदेश में कोई जिम्मेदारी नहीं है.

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