2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना कर चुकी कांग्रेस के पास एक और विधायक कम हो गया है. अब कांग्रेस के पास कुल 65 विधायक बचे हैं. अभी लोकसभा चुनाव की राजनीतिक सरगर्मियां शेष हैं.
ऐसे में कांग्रेस के सामने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती बन गया है. शुक्रवार को मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर कांग्रेस के लिए बुरी खबर आई.
छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. इसी सदस्यता के साथ मध्य प्रदेश विधानसभा की एक और नई तस्वीर सामने आई.
भविष्य में कमलेश शाह की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने पर कांग्रेस के पास फिर 65 विधायक ही बचेंगे. विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 163 पर बीजेपी ने कब्जा किया था. कांग्रेस के खाते में 66 सीटें गयी थी. रतलाम की सैलाना सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार ने जीत दर्ज कराई थी. वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक जब भी चुनाव आते हैं दल बदल का सिलसिला शुरू हो जाता है.
‘लोकसभा चुनाव तक दल बदल की आंधी नहीं रुकेगी’
वर्तमान परिदृश्य में यही कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव तक दल बदल की राजनीति का दौर चलता रहेगा. 4 जून को परिणाम आने के बाद लोकसभा के साथ-साथ मध्य प्रदेश की विधानसभा की तस्वीर साफ हो जाएगी. 4 जून के बाद स्पष्ट हो जाएगा की कांग्रेस और बीजेपी के खेमे में कितने विधायक बचे है? वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पुरोहित के मुताबिक बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश और नई सदस्यता का अभियान चला रखा है.
‘17000 से ज्यादा कांग्रेसी हो चुके हैं बीजेपी में शामिल’
इसी कड़ी में कार्यकर्ता, नेता और विधायक बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद भी सिलसिला रुकने वाला नहीं है. पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि मध्य प्रदेश के 17000 से ज्यादा कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं. उन्होंने आगे कहा था कि अभी भी बीजेपी का सदस्यता अभियान जारी है.