मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव के नाम ने चौंका दिया, बेहद साधारण परिवार से आने वाले पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे मोहन यादव ने छात्र जीवन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. इसके बाद अपनी मेहनत और समर्पण से पार्टी और संगठन के खास बनते गए. इस बार लगातार तीसरी बार विधायक बने मोहन यादव के जीतने पर भी लोगों को संशय था, लेकिन वह न केवल शानदार तरीके से जीते, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने.
जब चर्चा मुख्यमंत्री के नामों के लिए शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और ज्योतिरादित्य सिंधिया की हो रही हो, ऐसे में मोहन यादव का मुख्यमंत्री बनना हर किसी के लिए चौंकाने वाला नाम रहा. बीजेपी ने जैसे ही मोहन यादव के नाम का ऐलान किया और शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी तो उन्होंने झुककर पैर छुए.
मोहन यादव की सीएम बनने के बाद पहली प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “…मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है. आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा.”
मोहन यादव पर क्या बोले खट्टर
मोहन यादव के मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुने जाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “मोहन यादव बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं… वे ज़मीन से जुड़े हुए कार्यकर्ता हैं. मध्य प्रदेश की विकास यात्रा को वे निश्चित रूप से और आगे बढ़ाने का काम करेंगे.”
मंच पर खट्टर ने मोहन यादव को क्लियर कर दिया
असल में, विधायक दल में मोहन यादव के नाम की घोषणा होने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अगल-बगल बैठे थे. तब खट्टर ने उन्हें ये जानकारी दी कि आपका नाम इन्होंने ने ही आलाकमान को सुझाया था. तब मोहन यादव इस पर हामी भरते हुए दिखाई दे रहे हैं.