मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम तकरीबन साफ हो गए हैं। हम प्रदेश में उन सीटों की बात करते हैं, जहां रिश्तेदार ही आमने-सामने थे। कहीं समधी ने समधन को हराया है तो कहीं चाचा ने भतीजे को तो कहीं भतीजे ने चाचा को हरा दिया है।
यहां देखें कौन अपने रिश्तेदार से मार रहा बाजी
सीट क्र | विधानसभा सीट | भाजपा | कांग्रेस | परिणाम/रुझान |
41 | सागर | शैलेंद्र जैन (जेठ) | निधि सुनील जैन (बहू) | शैलेंद्र जैन जीते |
72 | देवतालाब | गिरीश गौतम (चाचा) | पद्मेश गौतम (भतीजा) | गिरीश गौतम जीते |
19 | डबरा | इमरती देवी (समधन) | सुरेश राजे (समधी) | इमरती देवी हारी |
134 | टिमरनी | संजय शाह (चाचा) | अभिजीत शाह (भतीजा) | अभिजीत शाह जीते |
137 | होशंगाबाद | डॉ. सीताशरण शर्मा (भाई) | गिरिजाशंकर शर्मा (भाई) | डॉ. सीताशरण शर्मा जीते |
150 | भोपाल उत्तर | आमिर अकील (निर्दलीय) (चाचा) | आतिफ अकील (भतीजा) | आतिफ अकील जीते |
समधी ने समधन को दी शिकस्त
डबरा विधानसभा सीट पर समधी-समधन के बीच जंग हुई। यहां पर तीसरी बार समधी और समधन आमने-सामने थे। कांग्रेस ने सुरेश राजे को टिकट दिया था। वहीं, भाजपा ने पूर्व मंत्री इमरती देवी को प्रत्याशी बनाया। दोनों आपस में समधी-समधन लगते हैं। सुरेश राजे ने 2267 वोट से जीत दर्ज की।
जेठ ने बहू को हराया
सागर विधानसभा सीट में बहू और जेठ आमने सामने थे। कांग्रेस ने निधि सुनील जैन को टिकट दिया था तो भाजपा ने शैलेंद्र जैन को प्रत्याशी बनाया। शैलेंद्र जैन रिश्ते में निधि सुनील जैन के जेठ हैं। शैलेंद्र जैन यहां से 15021 वोट से जीते हैं।
चाचा ने भतीजे को हराया
देवतालाब विधानसभा सीट पर चाचा-भतीजे के बीच लड़ाई हुई। भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को टिकट दिया था। जबकि कांग्रेस ने उनके भतीजे पद्मेश गौतम को प्रत्याशी बनाया। बता दें कि यहां से गिरीश गौतम ने 24386 वोट से जीत दर्ज की है।
भाई जीता, भाई हारा
होशंगाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा ने डॉ. सीतासरन शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। जबकि कांग्रेस से गिरिजाशंकर शर्मा मैदान में थे। दोनों आपस में भाई हैं। भाजपा के सीतासरन शर्मा 15506 वोट से जीत गए।
चाचा को हराया
टिमरनी में भी चाचा-भतीजे आमने-सामने थे। भाजपा ने विधायक संजय शाह को टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस ने उनके भतीजे अभिजीत शाह को प्रत्याशी बनाया। भतीजे ने 950 वोट से सीट जीत ली।
नाराज चाचा ने ठोकी ताल
भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की सीट परिवार की लड़ाई में उलझ गई। इस सीट पर कांग्रेस ने आरिफ अकील के बेटे आतिफ को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, टिकट कटने से नाराज आरिफ के भाई आमिर अकील ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा। यहां भतीजे ने चाचा से 94288 अधिक वोट पाए।