मध्यप्रदेश / एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर काम शुरू

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भोपाल.मैग्नीफिसेंट एमपी से पहले सरकार ने पाइपलाइन में पड़े करीब एक लाख करोड़ रु. के निवेश प्रस्तावों पर काम तेज कर दिया है, ताकि समिट में होने वाले निवेश करारों के साथ ही इन प्रस्तावों को शीघ्र धरातल पर लाया जा सके। ये प्रस्ताव कृषि, उद्यानिकी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व कौशल विकास, उद्योग, चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं।

सरकार को उम्मीद है कि इन प्रस्तावों से करीब 30 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, इसलिए इन्हें अगले दो-तीन माह में धरातल पर उतारा जाए। दरअसल, समिट से पहले सरकार ने निवेश से संबंधित फाइलें टटोलीं तो धीमी रफ्तार से बढ़ रहे ये एक लाख करोड़ रु. के प्रस्ताव सामने आए। गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समिट की तैयारियों को लेकर बैठक में इनका जिक्र किया। उन्होंनेे कहा कि प्रदेश में दो सौ पार्क हैं। करीब एक लाख 20 हजार एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक है। इसलिए समिट में आए प्रपोजलाें काे तत्काल धरातल पर लाने की तैयारी होनी चाहिए।

बैठक में बताया गया कि समिट से पहले ही रिसर्च और दवाइयों के क्षेत्र की अग्रणी संस्थाएं सनफार्मा, केडिला और ल्युपिन ने सकारात्मक रुख दिखाया है। डाबर ने मप्र में जगह भी देख ली है। जरूरत के मुताबिक सुविधाएंइनवेस्टर्स समिट के लिए सरकार विभिन्न उद्योगों के लिए अगलग-अलग सुविधाएं देगी। अधिकारियों के मुताबिक हर उद्योग की मांग और जरूरत भिन्न-भिन्न है। ऐसी स्थिति में सरकार प्रत्येक उद्योग को अलग-अलग ढंग से सुविधा देगी। मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग और हार्टिकल्चर से जुड़े उद्योगों के लिए भी अलग से मदद दी जाएगी। इसमें तुलसी, सफेद मूसली आदि से बनने वाली हर्बल उत्पाद भी शामिल हैं।

पहले से अलग होगी यह समिट
इस बार निवेश प्रस्तावों पर एमओयू के बजाय सीधे प्रपोजल पर बात होगी। सरकार तीन माह में निवेश संवर्धन की कैबिनेट सब कमेटी में निवेशक को फायदा देने वाली स्कीम मंजूर करेगी। इसे तत्काल कैबिनेट में लाकर कंपनी प्रोजेक्ट लगाने को कहेगी।

मंच पर सिर्फ वक्ता होगा
इस बार मैग्नीफिसेंट एमपी में नया प्रयोग किया जा रहा है। मंच पर कुछ बड़े उद्योगपतियों को बैठाने के बजाय सिर्फ वक्ता को ही वहां बैठने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री समेत सभी लोग सामने की पंक्तियों में बैठेंगे।

ऐसे एफएआर का फायदा
उद्योगपतियों को सरकार फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) में फायदा देगी। अभी उन्हें भूमि के 60% क्षेत्रफल में निर्माण और एफएआर 1.25 मिलता था। इसे बढ़ाकर 75% और एफएआर 2 कर दिया गया है। अब उद्योगपति मंजिल बढ़ाकर निर्माण कर सकेंगे।

निवेशकों काे लुभाने के लिए पेटेंट , एसटीपी में भी सरकार करेगी मदद

प्रदेश में निवेशकों को लुभाने और यहां पर निवेश करने के लिए सरकार फार्मा कंपनियों को उनके उत्पादों का पेटेंट दिलाने में मदद करेगी। अब तक दवा कंपनियों को उनके प्रोडक्ट के पेटेंट के लिए खुद ही पूरी औपचारिकताएं करना पड़ती हैं। अब सरकार उन्हें इसमें रियायत देगी। इंदाैर में इनवेस्टर्स समिट मैग्नीफिसेंट एमपी 17-18 अक्टूबर को होना है। इनवेस्टर्स समिट में सन फार्मा, कैडिला सहित कई अन्य जानी-मानी फार्मा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक उत्पादों के पेटेंट के अलावा विभिन्न उद्याेगों में लगने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी सरकार की ओर से मदद की जाएगी।

चार केंद्रीय सचिव आएंगे

समिट में भारत सरकार के डीआईपीआई, कोल, स्किल डेवलपमेंट और एमएसएमई के सचिव भी आ रहे हैं। इसके अलावा हिमाचल और पश्चिम बंगाल के प्रमुख अधिकारी भी समिट में पहुंच रहे हैं।

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