निगम की लापरवाही से दो परिवारों के तीन युवाओं की मौत,विकास की बात करने वाले पहले मौत के सिलसिले का जवाब दें – शुक्ला

इंदौर

इंदौर । कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा है कि इंदौर नगर निगम के लापरवाही से सुपर कॉरिडोर पर श्री गणेश प्रतिमा के विसर्जन के दौरान दो परिवारों के तीन युवाओं की मौत हो गई । जो लोग विकास की बात कर रहे हैं वह पहले लापरवाही से होने होने वाली मौतों का जवाब दें ।
सुपर कॉरिडोर पर खदान के गड्ढे में भरे हुए पानी में श्री गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए कंडील पूरा क्षेत्र के तीन युवा पहुंचे थे । इन तीनों युवाओं की इस पानी में डूब जाने से मौत हो गई । मरने वालों में दो सगे भाई थे । विधायक संजय शुक्ला ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास की कमान इंदौर नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के पास में हैं । इन दोनों में ही भाजपा के नेता बैठे हुए हैं । यह नेता किस तरह से जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं इसका अंदाजा तो इसी बात से लग जाता है कि मौत का गड्ढा खुदा हुआ था । इस गड्ढे में दो परिवारों के तीन नौनिहाल समाहित हो गए । यह घटना बेहद दुखद और इन परिवारों पर वज्रपात है ।

एक करोड़ का मुआवजा दे

विधायक शुक्ला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि इस घटना में मृत्यु के परिवारों को एक – एक करोड रुपए की राशि मुआवजे के रूप में दी जाए । जो दो परिवार इस हादसे के शिकार हुए हैं उनमें से एक परिवार के मुखिया की कोरोना के संक्रमण काल के दौरान मौत हो गई थी । उसके बाद में मां के द्वारा ही अपने बच्चों का लालन-पालन पोषण किया जा रहा था । आज वह बच्चा भी कल के ग्रास में समा गया।

अपराधिक प्रकरण दर्ज करें

शुक्ला ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के पदाधिकारी तथा अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए । इस तरह की लापरवाही से मौतें लगातार हो रही है । इन घटनाओं पर कोई सबक नहीं लिया जा रहा है । रामनवमी पर पटेल नगर में हुए बावड़ी हादसे को अभी यह शहर भूला नहीं है । उसे हादसे में भी किसी अधिकारी , पदाधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी । पिछले दिनों इस क्षेत्र में आए मेहमान जी विकास की बात कर रहे थे । मैं यह कहना चाहता हूं कि मेहमान जी जरा पिछले 5 साल में आपकी सरकार जिसमें नगर निगम और विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं, उनकी लापरवाही से हुई मौतों का हिसाब देख लीजिए ।

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