रेलवे स्टेशनों पर साफ्टवेयर सेंसर के माध्यम से लावारिस सामानों की जाएगी जांच

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अक्‍सर समाचारों के माध्‍यम से हमें पढ़ने- सुनने को मिलता है कि अमुक रेलवे स्‍टेशन पर एक लावारिस बैग मिलने से हड़कंप मच गया। कई बार यह अफवाह होती है लेकिन कुछ मौकों पर यह घातक भी हो सकता है। ऐसे में लावारिस बैग सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी समस्‍या रहते हैं। अब रेलवे ने इस समस्‍या का हल निकालने का दावा किया है। आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा है कि, रेलवे लावारिस बैग ही नहीं, संभावित आतंकी हमलों से निपटने के लिए भी कार्ययोजना बना रहा है।

रेलवे प्लेटफॉर्म और रेलवे परिसर में कई घंटों तक सामान और अन्य वस्तुओं के पड़े रहने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ा एक सॉफ्टवेयर है जो कि रेलवे परिसर में 30 मिनट से अधिक समय तक लावारिस अवस्‍था में पड़े हुए सामान की पहचान करता है।” उन्होंने कहा, “जब कोई भी वस्तु या सामान नहीं मिलता है, तो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रणाली हमें सचेत करती है। स्टेशन पर तैनात हमारी टीम निरीक्षण के लिए उन सामानों को इकट्ठा करती है।”

बैगेज स्क्रीनिंग सिस्टम और बायोमेट्रिक सुविधा की भी योजना

यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने अन्य योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि, आने वाले दिनों में लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बैगेज स्क्रीनिंग सिस्टम और बायोमेट्रिक सुविधा की भी योजना है। उन्होंने कहा, “हम सिस्टम लगा रहे हैं और जिन भी स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों में चढ़ेंगे, जल्द ही हम उन सभी यात्रियों की बायोमेट्रिक रीडिंग लेंगे।”

वंदे भारत ट्रेन पर हो चुका है पथराव, कश्‍मीर रूट का किया ऑडिट

उन्होंने कहा, ” चूंकि इससे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस में हमने पथराव की घटनाओं को देखा है, इसलिए हमने सामुदायिक पुलिसिंग की पहल की और इसे नियंत्रित करने की कोशिश की। सामुदायिक पुलिसिंग के अलावा, नई ट्रेन में डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होते हैं जो ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में भी मदद करेंगे।

चूंकि यह ट्रेन जम्‍मू-कश्‍मीर रूट पर जाती है और अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद से सुरक्षा का सवाल अधिक बढ़ गया है, ऐसे में वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए हमने पूरे रूट का सुरक्षा ऑडिट किया है।” उन्होंने कहा कि तीन रेल डिवीजन दिल्ली से कटरा यानी दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर तक आते हैं। स्थानीय पुलिस की मदद से हमने सुरक्षा के उपाय किए हैं।

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