PDA की सियासी पिच पर अब चलेगी INDIA की राजनीति! अखिलेश यादव के इशारे से सब हुआ स्पष्ट

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समाजवादी पार्टी की ओर से पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए की सजाई गई पिच पर अब INDIA बैटिंग करेगा। घोसी के उपचुनाव में आए परिणामो से उत्साहित समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कुछ इसी तरह का इशारा करके आगे की राजनीति के रास्ते स्पष्ट कर दिए हैं।  

सियासी जानकार भी मानते हैं कि पिछड़े दलित और अल्पसंख्यको को साथ करके आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की सियासत का बड़ा रोड मैप तैयार किया जाने वाला है। अलग राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सीट से INDIA गठबंधन को तो सियासी रूप से फायदा नजर आ रहा है लेकिन कांग्रेस के लिए अलार्मिंग स्थिति जैसी बन गई है।

घोसी उपचुनाव के परिणाम को अखिलेश यादव ने टीम INDIA और पीडीए की रणनीति को पूरा श्रेय दिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय  प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों की आवाज बनकर जिस तरीके से घोसी के उपचुनाव में उनके और सहयोगी दलों के नेताओं ने रणनीति की बनाई वह सफल हुई। 

वह कहते हैं कि अब इसी आधार पर आगे की सियासत का रास्ता तय किया जाएगा। अखिलेश यादव ने भी कुछ इसी तरह का सियासी इशारा किया है। राजनीतिक जानकार ओपी चंदेल का मानना है कि अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के साथ में उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी रणनीति बनाई है। अगर INDIA गठबंधन समूह इसी रास्ते पर अपने सियासत की पूरी तैयारी करता है तो संभव है उसके लिए राजनैतिक राह और आसान हो सकती है। 

राजनीति विश्लेषक ओपी चंदेल कहते हैं कि दरअसल सियासत की जिस बिसात पर अखिलेश यादव ने घोसी में चुनाव लड़ा वह कुछ राजनीतिक दलों को इसलिए अखरने वाला था क्योंकि इन राजनैतिक दलों की राजनीति पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के इर्द गिर्द ही घूमती थी। 

वह कहते हैं कि अगर हकीकत में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पीडीए वाली राजनीति इतनी कारगर है तो इसका असर बहुजन समाज पार्टी की सियासत पर जबरदस्त तरीके से पड़ने वाला है। उनका कहना है कि पिछड़े दलितो और अल्पसंख्यको की सियासत मायावती से लेकर कांग्रेस और अब भारतीय जनता पार्टी भी कर ही रही है। 

उनका कहना है कि क्योंकि अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। इसलिए सबसे बड़ी चुनौती बहुजन समाज पार्टी की मायावती के सामने आने वाली है।

राजनीतिक जानकार यह भी बताते हैं कि जिस पीडीए के आधार पर समाजवादी पार्टी ने घोसी में जीत हासिल की है उस लाइन पर अगर इंडिया गठबंधन अपनी सियासी पिच तैयार करता है तो उत्तर प्रदेश की सियासत में वह अन्य दलों के राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकता है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि लेकिन इस पूरे मामले में इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि अब जिन समीकरणों को साध कर कांग्रेस राजनीति करने की तैयारी कर रही है उसी आधार पर समाजवादी पार्टी ने घोसी में जीत हासिल की है। यानी कांग्रेस भी पिछले दलित और अल्पसंख्यकों की राजनीति को आगे बढ़ा रही है और उन वोट बैंक के आधार पर समाजवादी पार्टी ने घोसी में जीत दर्ज की है। 

हालांकि, यह जीत कांग्रेस के समर्थन के साथ ही हुई है लेकिन अखिलेश यादव ने पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों का फार्मूला सियासी गठबंधन से पहले ही तैयार कर लिया था। इसलिए इस लिहाज से पीडीए के फार्मूले पर ही उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को न सिर्फ आगे बढ़ना होगा, बल्कि अपनी सियासी बिसात भी बिछानी होगी।

इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता भी मानते हैं कि अब उत्तर प्रदेश में आने वाले लोकसभा के चुनावों में पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों के लिहाज से ही सियासी रणनीति बनानी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत है और इसी आधार पर अब आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने घोसी के विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ जिला पंचायत उपचुनावों में लखनऊ, मिर्जापुर, जालौन, बहेड़ी में सपा उम्मीदवारों की बड़ी जीत पर बधाइयां देते हुए कहा कि उनके पीडीए की रणनीति को जनता ने स्वीकार किया है।

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