(नो)हिसाब (सिर्फ़)किताब ओपन लाइब्रेरी में किताबें जमा करने का सिलसिला कल से होगा शुरू


संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी स्वयं किताबें जमा कर करेंगे इस कार्य की शुरूआत
इंदौर 4 अक्टूबर, 2019
जिला प्रशासन की अभिनव पहल (नो)हिसाब (सिर्फ़) किताब ओपन लाइब्रेरी अब शीघ्र ही मूर्त रूप लेने जा रही है। ओपन लाइब्रेरी में किताबें जमा करने का सिलसिला। 5 अक्टूबर की शाम साढ़े 4 बजे से स्मार्ट सिटी कार्यालय परिसर में शुरू होगा। संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी स्वयं किताबें जमा कर इस कार्य की शुरूआत करेंगे । कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव ने ज़िले के समस्त बुद्धिजीवियों-नागरिकों से आह्वान किया है कि वे ओपन लाइब्रेरी में अपनी भागीदारी करते हुए स्मार्ट सिटी कार्यालय में अपने यहां रखी किताबें इस ओपन लाइब्रेरी के लिये जमा करायें।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव की पहल पर आम जरूरतमंद पाठकों को सहज रूप से बगैर किसी नियम-कायदें के आसानी से पुस्तकें प्राप्त हो, इसके लिये “नो हिसाब-सिर्फ किताब” अवधारणा पर ओपन लाइब्रेरी स्थापना की योजना बनाई गई है। यह योजना शीघ्र ही शुरू होगी। इस योजना का क्रियांवयन सबसे पहले शहर के मध्य स्थित सार्वजनिक स्थल नेहरू पार्क से किया जायेगा। ओपन लाइब्रेरी स्थापना की तिथि शीघ्र ही घोषित की जायेगी। श्री जाटव ने बताया कि इस योजना का शनै:-शनै: विस्तार होगा। सर्वप्रथम नेहरू पार्क में यह ओपन लाइब्रेरी खोली जा रही है। इसके बाद रीजनल पार्क और अन्य स्थानों पर ओपन लाइब्रेरी स्थापित होगी। उन्होने बताया है कि यह ओपन लाइब्रेरी पूर्ण रूप से जन-भागीदारी अवधारणा पर संचालित होगी। इसमें जन सहयोग से पुस्तकें प्राप्त की जायेगी। प्राय: यह देखा जाता है कि नागरिकों या संस्था के पास उनकी जरूरतों के बाद अनुपयोगी होकर पुस्तकें रखी रहती है। पुस्तकों का महत्व तो कायम रहता ही है, इसका महत्व वही पाठक समझता है, जिसकी उसे जरूरत होती है। इन पुस्तकों को जरूरतमंद पाठकों तक पहुंचाकर पुस्तकों की उपयोगिता बरकरार रखी जा सकती है और जरूरतमंद की मदद की जा सकती है।
कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव ने नागरिकों और संस्थाओं से अपील की है कि वे इस योजना से जुड़े तथा जरूरतमंदों की मदद करें। ऐसे नागरिक और संस्थाओं से भी उन्होने अपील की है, जिनके यहां जरूरत के बाद पुस्तकें रखी हुई है। उनसे कहा गया है कि अपने यहां रखी पुस्तकें ओपन लाइब्रेरी के लिये दान करें। विद्यादान सबसे बड़ा दान होता है।
कलेक्टर श्री जाटव ने बताया कि ओपन लाइब्ररी में एक ही जगह सब पुस्तकें मिलेगी। पुस्तकों को प्राप्त करने के लिये कोई औपचारिकता नहीं होगी, सदस्य भी नहीं बनना पड़ेगा। बस निर्धारित स्थान पर आयें, अपनी जरूरत के मान से पुस्तकों का चयन करें, वहां रखे रजिस्टर में इंट्री करें, पुस्तकें प्राप्त करें, अध्ययन कर वापस वहां जमा कर दें। (नो )हिसाब-(सिर्फ )किताब” योजना को सफल बनाये। जीवन में ज्ञान का प्रकाश जगमगाये।

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