सोल अमेरिका और उत्तर कोरिया की तरफ से इस हफ्ते के अंत में परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करने की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को उत्तर कोरिया ने मिसाइल का टेस्ट किया. माना जा रहा है कि इस बलिस्टिक मिसाइल को पनडुब्बी से दागा गया है। दक्षिण कोरिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया सैन्य कार्रवाइयों के जरिए ही कूटनीतिक संदेश देने का प्रयास करता है और बातचीत में शामिल होने वाले देशों पर दबाव बनाता है। हो सकता है कि यह टेस्ट भी उसी का हिस्सा हो।
दक्षिण कोरिया ने टेस्ट की पुष्टि की
दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (JCS) ने कहा कि बुधवार को एक बलिस्टिक मिसाइल का पता लगाया गया। यह मिसाइल 450 किलोमीटर दूर दागी गई थी। JCS ने एक बयान में कहा कि मिसाइल पुक्कुकोंग मॉडल की लग रही है। बयान में कहा गया, ‘उत्तर कोरिया के ये कदम कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव को कम करने के प्रयासों के लिए मददगार नहीं है और हम इसे फिर से तुरंत रोकने का आग्रह करते हैं।’
जवाबी कार्रवाई की तैयारी में जापान
अमेरिका ने कहा कि वह कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति की निगरानी कर रहा है। जापान ने कहा कि उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र (स्पेशल इकोनॉमिक जोन) के भीतर उनमें से एक प्रोजेक्टाइल गिर गया। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि टोक्यो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि इसका जवाब कैसे दिया जाए। आबे ने संवाददाताओं से कहा, ‘बलिस्टिक मिसाइलों का टेस्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करता है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं ।’
अगले सप्ताह अमेरिका से बातचीत संभव
यह टेस्ट ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चोई सन हुई ने कहा कि प्योंगयांग इस सप्ताह के अंत में वाशिंगटन के साथ कार्य-स्तरीय वार्ता करने पर सहमत है। आधिकारिक कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चोई ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को ‘शुरुआती संपर्क’ होगा और अगले दिन बातचीत होगी। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने बाद में इस प्रस्तावित बातचीत की पुष्टि की, जिसमें उन्होंने कहा कि वार्ता अगले सप्ताह के भीतर होगी।