इंदौर: कॉलोनी सेल के नियमों में प्रशासन ने कई तरह के संशोधन किए हैं। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिली है। रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के लिए जो दस्तावेज लगाए जाते हैं, उसमें रिकॉर्ड के लिए 1925-26 के बजाय अब 1959 तक के दस्तावेज भी मान्य होंगे। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने जिला प्रशासन की कॉलोनी सेल से जो एसओपी बनवाई है, उसमें यह संशोधन कर रियल एस्टेट काे राहत दी है। इस नए आदेश से 98 साल के बजाय 64 साल के दस्तावेज से भी काम हो सकेगा।
- 1925-26 के दस्तावेज देना पड़ते थे अब तक
- 1959 के दस्तावेज से काम हो जाएगा
- 450 से ज्यादा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट शहर में चल रहे
- 79 गांव शामिल कर बढ़ाया निवेश क्षेत्र
क्रेडाई ने कहा, नियमों में इस बदलाव से अनावश्यक दस्तावेजों से राहत मिलेगी
क्रेडाई टीम ने बताया इस बदलाव से अनावश्यक दस्तावेजों से राहत मिलेगी। टीएंडसीपी को फार्वर्ड किए जाने वाले दस्तावेजों में अब तक आवेदन पत्र के साथ शपथ पत्र, चालू वर्ष की खसरा, बी-1, ट्रेस नक्शा, सीमांकन शुल्क व फील्ड बुक की नकल के साथ 1958-59 के दस्तावेज भी लगाना हैं। इससे पहले 1925-26 के दस्तावेज लगाना होते थे। इस राहत से कई बिल्डर ने राहत की सांस ली है। कलेक्टर इस संबंध में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हम रियल एस्टेट को राहत देना चाहते हैं, ताकि लोगों को खुद का घर खरीदने में आसानी हो।
संपत्ति से जुड़ी हर जानकारी लोगों को पोर्टल पर मिलेगी
नियमों का पालन करते हुए क्रेडाई ने एक प्रोसेस बनाई है। ऐसा पोर्टल बनाएंगे, जिससे आम आदमी को घर खरीदना हो तो पता चल सके कि परमिशन है या नहीं? प्रॉपर्टी कहां है, वैध है या नहीं, यहां कितने प्लॉट और फ्लैट हैं, वैध है या अवैध, यह सारी जानकारी पोर्टल पर रहेगी। पोर्टल बनाने के बाद एप के माध्यम से जनता के लिए सार्वजनिक करेंगे।