इंदौर आईआईएम द्वारा शुरू की गई पहल अन्वेषण से अब देशभर में स्वच्छता के लिए जागरूकता बढ़ेगी। अन्वेषण आईआईएम इंदौर द्वारा चलाया जा रहा कोर्स है जिसमें देशभर के निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी स्वच्छता से जुड़ी ट्रेनिंग लेते हैं। गुरुवार को अपशिष्ट प्रबंधन और वॉश (WASH: Water, Sanitation and Hygiene – जल, स्वच्छता और सफाई) पर केंद्रित अन्वेषण की पहली बैच का समापन हुआ। चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के 14 राज्यों के 25 नगर निगम आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। अन्वेषण की पहली बैच ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के माध्यम से देशभर के अधिकारियों को एक मंच पर लाने का काम किया। अब यह सब एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत बनाने के लिए बेहतर तरीके से काम करेंगे।
देशभर में जाएंगी इंदौर की स्वच्छता की बातें
समापन समारोह में प्रमाण पत्र वितरण हुआ। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने अन्वेषण के पहले बैच के प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि का उपयोग अपने संबंधित शहरों में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने के लिए करें, जिससे स्वच्छ भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे। भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के स्मार्ट सिटीज मिशन के निदेशक संयुक्त सचिव और आईएएस कुणाल कुमार ने भी वर्चुअल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और आईआईएम इंदौर द्वारा की गई इस पहल की सराहना की।
ज्ञान का दो तरफा प्रवाह
उन्होंने पाठ्यक्रम की प्रतिभा पर अपना विश्वास व्यक्त किया और बताया कि कैसे यह प्रतिभागियों को अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर का यह कार्यक्रम ज्ञान के दो-तरफा प्रवाह का एक माध्यम है, जिसके ज़रिए प्रशासन और शिक्षाविद एक साथ आते हैं और ऐसे समाधान लेकर आते हैं जो प्रभावशाली होते हैं। इस अवसर पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के उप सचिव श्याम लाल पूनिया और स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के निदेशक बिनय कुमार झा भी ऑनलाइन उपस्थित थे। उन्होंने अन्वेषण की स्थापना और प्रासंगिक पाठ्यक्रम को डिजाइन करने में निदेशक प्रो. हिमांशु राय के नेतृत्व में संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
नगर निगम का दौरा किया, अपने अनुभव को साझा किया
प्रो. सौम्य रंजन दाश, डीन – रिसर्च, प्रो. सुबिन सुधीर, चेयर- एग्जीक्यूटिव ने भी इस कोर्स का महत्व समझाया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. श्रुति तिवारी ने कार्यक्रम के सफल समापन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रतिभागियों के समर्पण और सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की और धन्यवाद ज्ञापन दिया। पहले दिन इंदौर नगर निगम का दौरा करने के अलावा, कार्यक्रम में कई सत्र भी हुए, जहां नगर निगम आयुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चाओं के दौरान अपनी सीख और अनुभवों को साझा किया।
इस कार्यक्रम में निम्न वक्ता शामिल थे –
1. प्रो. हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर
2. महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर
3. हर्षिका सिंह – इंदौर नगर निगम आयुक्त
4. निखिल जाधव – मुख्य अधिकारी, पंचगनी
5. राजेश नार्वेकर – आयुक्त, नवी मुंबई
6. शालिनी अग्रवाल – आयुक्त, सूरत
7. शंकर खंडारे – मुख्य अधिकारी, कराड
8. नादिया बोयार्किना – अपशिष्ट प्रबंधन सलाहकार, यूके
9. सौरभ मनुजा – टेक. सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
10. जय कुमार गौरव – वरिष्ठ सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
11. डॉ. भारत भूषण नागर – सीनियर टेक. सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
12. बेटिना दुरान – सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
13. सी एम साईंकांत वर्मा – आयुक्त, विशाखापत्तनम
14. सौमिल रंजन चैबे – मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य शहरी विकास अभिकरण, छत्तीसगढ़
15. मोहित गनेरीवाला – वरिष्ठ परिचालन अधिकारी, आईएफसी, दिल्ली
16. आस्था श्रीवास्तव – सीनियर एसोसिएट-ट्राइलीगल, दिल्ली
17.डेनिस ओबारकैनिन – परिचालन अधिकारी, आईएफसी, सिंगापुर
18. सौरव अग्रवाल, सलाहकार, जीआईज़ेड-इंडिया
19. प्रो. वेरोनिका, एसडीए बोकोनी
20. प्रो. श्रुति तिवारी, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर
21. प्रो. डी. एल. सुंदर, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर
22. प्रो. भाविन जे. शाह, फैकल्टी, आईआईएम इंदौर