उज्जैन में तेज बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। महाकालेश्वर मंदिर के कार्तिक और गणेश मंडपम तक बारिश का पानी पहुंच गया। महाकाल मंदिर में झरने का अहसास हो रहा था। शिप्रा नदी छोटे पुल से करीब आठ फीट ऊपर बह निकली। रामघाट के मंदिर और घाट पूरी तरह पानी में डूबे हैं। गंभीर डैम का एक गेट भी 50 सेंटीमीटर तक खोल दिया गया है। हालांकि, शुक्रवार रात को मंदिर में आए पानी को छह मोटर लगाकर निकाल लिया गया। शनिवार को 80 हजार से अधिक भक्तों ने दोपहर तक सहजता से दर्शन कर लिए।
हजारों भक्तों ने किए भस्मारती के दौरान दर्शन
बारिश के बाद भी श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। भस्मारती से ही दर्शनार्थी श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन कर रहे है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में 21 जुलाई रात में बारिश के कारण कुछ स्थानों पर पानी से समस्या हुई थी। उसे तत्काल प्रभाव से निकाला जा चुका है। शनिवार सुबह तीन बजे भस्मारती से ही श्रद्धालुओं ने लगातार दर्शन किए। सुबह 11 बजे तक लगभग 60 हज़ार दर्शनार्थियों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए।