शिवराज ने भर्तियों पर लगाई थी रोक, अब मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा भी हो सकती है रद्द

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मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड की विवादों में घिरी ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी चयन परीक्षा रद्द हो सकती है। इस पर सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। जल्द ही इस पर औपचारिक निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, अधिकारी इसे लेकर कुछ भी कहने से बच रहे है। कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन मलय श्रीवास्तव ने कहा कि परीक्षा रद्द करने की जानकारी मुझे नहीं है। हम सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। 

ग्वालियर के भाजपा नेता के एनआरआई कॉलेज में बने सेंटर पर जिन छात्रों ने परीक्षा दी, उसमें से सात ने टॉप-10 में जगह बनाई है। इसके बाद से ही चयन प्रक्रिया और परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। राज्य से लेकर केंद्र स्तर तक कांग्रेस ने इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के नेशनल ट्विटर हैंडल और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने भी इसे मुद्दा बनाया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था कि भाजपा ने युवाओं से बस चोरी की है। पटवारी भर्ती घोटाला व्यापम घोटाला 2.0 है। जब ऐसे आरोप लगे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें गंभीरता से लिया और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। साथ ही जांच के आदेश भी दिए। हालांकि, आरोपों का सिलसिला नहीं थमा और अब परीक्षा में धांधली के नए आरोप लग रहे हैं। इसके बाद सरकार ने यह परीक्षा रद्द करने पर विचार शुरू कर दिया है। वरिष्ठ प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि चुनावों की बेला में सरकार ऐसा कोई मौका कांग्रेस को नहीं देना चाहती, जहां उसे घेरा जा सके।  

हाईकोर्ट में भी है मामला
पटवारी परीक्षा में धांधली को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में भर्ती परीक्षा पर रोक लगाकर रिटायर्ड या मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की गई है। कर्मचारी चयन बोर्ड को किसी अन्य भर्ती परीक्षा और रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने की भी मांग की गई है। 

अभ्यार्थियों का प्रदर्शन तेज 
भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ी पर अभ्यर्थियों और चयनित अभ्यार्थियों, दोनों ने ही प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। धांधली का आरोप लगाने वाले अभ्यर्थियों को कांग्रेस का समर्थन है। कांग्रेस परीक्षा रद्द कर सीबीआई जांच की मांग कर रही है। चयनित अभ्यर्थियों को भाजपा से न्याय मिलने की आस है। परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को कांग्रेस का झूठ और भ्रामक प्रचार बताया जा रहा है। 

परीक्षा में यह गड़बड़ी भी आई सामने- 
पटवारी परीक्षा में एक ही सेंटर से 7 टॉपर के चयन के बाद कांग्रेस की तरफ से चार उम्मीदवारों के पटवारी परीक्षा में दिग्यांग श्रेणी में शामिल होने और वन रक्षक की भर्ती परीक्षा में फिट होने का नया आरोप लगा दिया है। वहीं, परीक्षा के एक टॉपर के प्रदेश के जिलों और संभाग की संख्या की जानकारी नहीं होने का वीडियो ने परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए है।  

यह है मामला 
पटवारी परीक्षा की धांधली को लेकर इंदौर, भोपाल समेत अन्य जिलों में अभ्यर्थी जांच की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) सहायक परीक्षक, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, सहायक नगर निवेशक, सहायक राजस्व अधिकारी, सहायक अग्निशमन अधिकारी की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती तथा पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। यह परीक्षा प्रदेश के 13 शहरों में ऑनलाइन हुई। इसमें 12.79 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए, जिसमें से 9.78 लाख परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का रिजल्ट 30 जून को जारी किया गया। टॉप-10 उम्मीदवारों की सूची 10 जुलाई को जारी की गई। इसके बाद विवाद शुरू हुआ।

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