विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA क्यों रखा गया? जानें इसके सियासी मायने

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बेंगलुरु में चल रही विपक्षी दलों की बैठक से एक बड़ी खबर सामने आई है। विपक्षी दलों ने अपने नए गठबंधन का नाम ‘INDIA’ (इंडिया) रखा है। इसका आधिकारिक एलान भी हो चुका है। इंडिया का पूरा नाम होगा- इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस। बैठक में शामिल विपक्षी दलों के कई नेताओं ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। खैर, इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया ही रखने का मन क्या बनाया है? इसके पीछे विपक्ष की क्या सियासत है? आइए समझते हैं…

पहले जानिए गठबंधन के नाम की चर्चा कैसे शुरू हुई?
विपक्षी दलों की बैठक बेंगलुरु में हुई। नाम पर चर्चा के बाद एक-एक करके दलों के नेताओं और पार्टियों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट किए जाने लगे। लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने लिखा, ‘विपक्षी दलों का गठबंधन भारत का प्रतिबिंब है!’
I   –  Indian 
N  – National 
D  – Developmental 
I  – Inclusive 
A  – Alliance

अब भाजपा को INDIA कहने में भी पीड़ा होगी! लगा दी।

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसको लेकर ट्विट किया। उन्होंने लिखा, ‘तो अब 2024 में टीम इंडिया बनाम टीम एनडीए… चक दे इंडिया।’

जेडीयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इसका एलान किया गया। लिखा गया, ‘विपक्षी एकता का नया नाम “INDIA” I – Indian N – National D – Democratic I – Inclusive A – Alliance.’ हालांकि, पहले डेवलपमेंटल की जगह डेमोक्रेटिक शब्द की बात सामने आई थी, लेकिन संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद INDIA नाम पर आधिकारिक मुहर

तो विपक्ष ने गठबंधन के नाम के लिए इंडिया ही क्यों चुना? 
इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक प्रो. अजय कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘नाम की सियासत इन दिनों हावी है। खासतौर पर अंग्रेजी के शब्दों का अलग-अलग मतलब निकालने का भी हो गया है। भाजपा इस काम में आगे थी। भाजपा ने विपक्ष से जुड़ी तमाम पार्टियों के नामों का जिक्र करके उसका अलग मतलब निकाला। ये चर्चा में भी रहा। यही कारण है कि इस बार विपक्ष ने इस मामले में बड़ा दांव खेल दिया है।’

प्रो. सिंह के मुताबिक, इंडिया नाम रखने से विपक्ष को सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि भाजपा उसका मजाक या तंज नहीं कस पाएगी। देश के नाम पर गठबंधन का नाम पड़ने से भाजपा के लिए ये बड़ी चुनौती होगी। भाजपा खुद को राष्ट्रवादी पार्टी कहती है। ऐसे में अगर इंडिया के नाम का कोई गलत मतलब भाजपा की तरफ से निकाला जाता है तो जनता के बीच इसका संदेश भी काफी गलत जाएगा। 

प्रो. सिंह आगे कहते हैं, ‘विपक्षी दलों ने काफी सोच-विचार कर ये फैसला लिया है। ऐसा होने से अब गठबंधन के नाम पर भाजपा और एनडीए के नेताओं की तरफ से हमले नहीं होंगे। हां, व्यक्तिगत तौर पर जरूर भाजपा व एनडीए में शामिल अन्य दलों के नेता विपक्ष पर हमलावर हो सकते हैं।’

गठबंधन का नाम इंडिया रखने से क्या वोट पर भी असर पड़ेगा? इस पर प्रो. अजय कहते हैं, ‘पार्टी के नाम पर तो जरूर वोट का असर पड़ता है, लेकिन गठबंधन के नाम पर मुश्किल ही है कि कुछ वोट इधर-उधर हो। इसमें वोटर्स यही देखेगा कि कौन से गठबंधन में कौन सा दल है। अलग-अलग राज्यों के हिसाब से इसका असर देखने को मिलेगा।’

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