पवार समूह के सरकार में शामिल होने से शिंदे गुट के विधायक हुए नाराज

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मुंबई । महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में एनसीपी नेता अजित पवार के शामिल होने के बाद से शिवसेना-भाजपा गुट में सबकुछ ठीक नहीं है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा हैं कि विभागों के बंटवारे को लेकर एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अजित पवार और छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल और हसन मुशरीफ सहित आठ विधायकों के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद पार्टी के विभाजन के बाद से एनसीपी के दोनों गुट-शरद पवार गुट और भतीजा समूह अपनी पहली बैठकें कर रहे हैं, जिसमें सभी पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। 
इन खबरों के बाद कि शिवसेना-बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने वाले एनसीपी नेताओं को मलाईदार विभाग मिल सकते हैं, सीएम गुट के विधायकों ने बगावत करना शुरू कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि वित्त, जल संसाधन और लोक निर्माण मंत्रालय एनसीपी को नहीं दिया जाना चाहिए। दरअसल, शिंदे गुट के विधायकों को डर है कि अगर अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिया गया तब वे विकास फंड देने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। सबसे ज्यादा परेशान वे विधायक हैं, जो शिवसेना-बीजेपी कैबिनेट में मंत्री बनने की उम्मीद कर रहे थे। संजय शिरसाट ने कहा कि पवार समूह के सरकार में शामिल होने के बाद,उनके समूह के कुछ लोग नाराज थे क्योंकि हमारे कुछ नेताओं को उनकी वांछित स्थिति नहीं मिलेगी।
शिवसेना नेता ने कहा कि राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह हमारे साथ आना चाहता है, तब हमें उस दल को शामिल करना पड़ता है और भाजपा ने यही किया। एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद हमारे समूह के लोग नाराज थे, क्योंकि हमारे कुछ नेताओं को उनका मनचाहा पद नहीं मिलेगा। यह सच नहीं है कि हमारे सभी नेता राकांपा के हमारे साथ आने से खुश हैं। हालात पर काबू पाने के लिए विधायकों की बढ़ती नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री शिंदे को अपना नागपुर दौरा बीच में ही छोड़कर मुंबई लौटना पड़ा। उन्होंने देर रात तक अपने मंत्रियों के साथ बैठक भी की और उन्हें मनाने की कोशिश की। फिर बुधवार को वह फिर मिलने वाले हैं। 

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