दिल्ली में हो रहीं मैतेई और कुकी की बैठकें, निकलने वाला है बीच का रास्ता

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दिल्ली: मणिपुर में बीते तीन महीने से चल रही कुकी और मैतेई समुदाय की हिंसा के बीच में इनके नेताओं की दिल्ली में बैठकों का सिलसिला जारी है। इन दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों की बैठक केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों समेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक मणिपुर से लेकर देश की राजधानी में हुई अलग अलग राउंड की बैठकों में अनुमान यही लगाया जा रहा है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच होने वाली हिंसा खत्म करने का रास्ता निकलने वाला है। हालांकि यह रास्ता क्या होगा इसको लेकर अधिकारियों ने तो कोई जवाब नहीं दिया लेकिन यह जरूर बताया कि कुकी और मैतेई समुदाय के प्रतिनिधियों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत की है। अधिकारियों के मुताबिक हालातों को लेकर मणिपुर के लोगों में गुस्सा तो बना हुआ है लेकिन अब हिंसा उस स्तर की नहीं हो रही है जितनी की शुरुआती दौर में थी।

कुकी और मैतेई समुदाय की बैठकों का दिखेगा असर
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के प्रतिनिधियों की बैठकें हो चुकी है। इन बैठकों में जिन वजहों से मणिपुर की हिंसा चल रही है उसको न सिर्फ खत्म करने बल्कि आपसी सामंजस्य के साथ माहौल को शांत करने का पूरा रोड मैप तैयार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत के कई राउंड में बहुत कुछ सकारात्मक रुख भी नजर आया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों समुदाय के लोगों के बीच हुई बातचीत का ही असर है कि मणिपुर में किसी भी तरीके की हत्याओं और बड़ी हिंसाओं की सूचनाएं अब मई के शुरुआती दौर की तुलना में बिल्कुल नहीं आ रही हैं। इस पूरे मामले पर नजर रखने वाली एजेंसी से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी कहते हैं कि जो बैठके मैतेई और कुकी समुदाय के बीच में हुई हैं वह बहुत ही सकारात्मक रूप के साथ ही खत्म हुई है। उनका कहना है कि जल्द इस पूरे मामले में एक बैठक और होगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सदन में कहा कि उन्होंने मणिपुर के माहौल को शांत करने के लिए दोनों समुदायों के जनप्रतिनिधियों से अलग-अलग बातचीत भी की है। उन्होंने बताया कि वह लगातार वहां के जन प्रतिनिधियों से संपर्क में है। बुधवार को भी उन्होंने कुकी समुदाय के साथ बातचीत भी की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस मामले में और बैठके केंद्रीय गृहमंत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के साथ की जाएंगी। इसके अलावा केंद्र की ओर से भेजे गए सुरक्षा सलाहकार के साथ साथ बनाई गई जांच कमेटी भी पूरे मामले में शांति की अपील कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मणिपुर के अपने 23 दिनों के प्रवास के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी न सिर्फ दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत की बल्कि बीच का रास्ता निकालने के लिए सभी प्रयास भी किए थे।

मणिपुर मामले पर नजर बनाए रखने वाली एजेंसी से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी बताते हैं कि मैंतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच की बैठक के बाद शांति बहाली के लिए जिन मुद्दों पर बातचीत हुई है उसको बकायदा मणिपुर के दोनों समुदायों से अवगत करा दिया गया है। वह बताते हैं कि दोनों समुदाय के जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने इलाकों में वापस जाकर अपने समुदाय के लोगों को इस बात के लिए आश्वस्त किया है की हिंसा को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। हालांकि मणिपुर मामले में करीब से नजर रखने वाली एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का मानना है कि सब कुछ ठीक होने में अभी कुछ वक्त जरूर लग सकता है लेकिन दोनों समुदायों को शांति से हल निकालने के लिए वार्ताओं का दौर जारी रहेगा। सूत्रों के मुताबिक मैतेई और कुकी समुदाय कि जल्द ही कुछ और बैठके भी होंगी। इसमें कुछ बैठकें केंद्रीय मंत्री अमित शाह से सीधे तौर पर भी हो सकती हैं और कुछ बैठके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मणिपुर से की जानी है।

हालांकि रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि मणिपुर में होने वाली पुरानी नस्लीय हिंसाए भी इसी तरीके से लंबे वक्त तक चलती आई है। लेकिन केंद्र सरकार और जिम्मेदार जांच एजेंसियां इस पूरे मामले को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश कर रहीं हैं। सीमा सुरक्षा बल से जुड़े रहे एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि मणिपुर के माहौल को खराब करने में जितना योगदान दो समुदाय से जुड़े हुए उपद्रवियों का है उतना ही मणिपुर और म्यांमार के खुले हुए बॉर्डर की वजह से माहौल खराब हुआ है। उनका कहना है नार्थ ईस्ट में अपनी तैनाती के दौरान उन्होंने हमेशा इस बात के लिए पुरानी सरकारों और जिम्मेदार एजेंसियों को आगाह किया था कि भारत और म्यांमार के बीच खुले हुए बॉर्डर से कभी भी इस तरीके की बड़ी हिंसा या माहौल खराब होने की घटनाएं हो सकती हैं। क्योंकि ओपन बॉर्डर से न सिर्फ  गोल्डन ट्रायंगल से नशे की तस्करी होगी बल्कि म्यांमार से होने वाली अवैध घुसपैठ खुले बॉर्डर की वजह से यहां के हालातो को खराब करेगी।

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