इंदौर के बाणगंगा इलाके में मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया। तेज रफ्तार क्रेन के ब्रेक फेल होने से उसने दो बाइक को कुचल दिया और एक बस को टक्कर मार दी। हादसे में एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत हुई है। एक महिला गंभीर घायल है। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने क्रेन चालक को पकड़ लिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा बाणगंगा इलाके में मंगलवार शाम को हुआ। क्रेन एचआर-38-बी-2002 के आगे उज्जैन के जय बाबा बाल हनुमान ट्रैवल्स की बस क्रमांक जीजे06-बीटी-9960 चल रही थी, जिसके ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगाया। पीछे आ रही क्रेन का ड्राइवर समय पर ब्रेक नहीं लगा सका और क्रेन आगे के दो वाहनों को कुचलते हुए आगे बढ़ गई। बताया जा रहा है कि क्रेन के ड्राइवर ने ब्रेक लगाए लेकिन वाहन के ब्रेक फेल हो गए थे, इस वजह से उसने आगे के वाहनों को रौंद दिया। इन्हीं वाहनों पर सवार लोगों की मौत हुई है। हादसा इतना भीषण था कि क्रेन का अगला हिस्सा बस में घुस गया और वह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे से कुछ ही दूरी पर बस भी खड़ी है।
बाणगंगा थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी का कहना है कि हादसे के तत्काल बाद वह भी मौके पर पहुंच गए थे। चार लोग उसकी चपेट में आ गए। कहा जा रहा है कि बस की गलती है। कुछ कह रहे हैं कि कार ने ओवरटेक किया और उसकी वजह से यह सब हो गया। यह जांच का विषय है। फिलहाल हमने घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया है। मृतकों को भी पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया है।
घायल महिला को ऑटो में अस्पताल पहुंचाया
प्रत्यक्षदर्शी प्रवीण और नीरज पाल ने बताया कि हम दोनों विजय नगर जा रहे थे। तभी देखा कि क्रेन का ब्रेक फेल हो गया और उसने आगे के वाहनों को रौंद दिया। घटना में चार की मौत स्पॉट पर ही हो गई थी। महिला घायल थी। उसे हमने ऑटो में बिठाया और अस्पताल पहुंचाया। उन्हें पैरों में फ्रेक्चर हुआ है। गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन जान का खतरा नहीं है।
एक ही परिवार के तीन लोगों ने तोड़ा दम
घटना में शारदा दिनेश किशोर उम्र 40 साल गंभीर है। उनके बेटे रितेश किशोरे उम्र 16 साल और शरद किशोरे उम्र 6 साल की मौत हो गई। शारदा की ही बहन के बेटे राज चंगीराम उम्र 13 साल की भी मौत हो गई। यह चारों एक ही गाड़ी पर थे। इसके अलावा एक अन्य गाड़ी पर सुनील परमार उम्र 56 साल की भी मौत हो गई।
शादी से लौट रहे थे
शारदा और अन्य तीनों परिवार में हुई एक शादी में से वापस लौट रहे थे। शादी कार्यक्रम के लिए चारों रेवती रेंज गए थे। यह परिवार झाबुआ के पास के एक गांव का रहने वाला है। इंदौर में रहकर काम करता है। वहीं सुनील परमार एक निजी कंपनी में नौकरी करता है।