डिंडोरी के छोटे से गांव मेें रहने वाली 27 वर्षीय लहरी बाई के जीवन में भी प्रधानमंत्री की मोदी की प्रशंसा पाने के बाद बदलाव आया था। हरी बीज बैंक चलाती है। मोटे अनाज की 25 से ज्यादा प्रजातियों के बीज वे आसपास के गांवों में बांटती है। प्रधानमंत्री ने लहरी का जिक्र मन की बात में किया था और उनके काम की प्रशंसा की थी। इसके बाद लहरी बाई डिंडोरी जिले में मिलेट्स क्राप्स की ब्रांड एबेंसडर बन गई।
फरवरी में वे इंदौर में जी-20 की बैठक में शामिल होने तक आ चुकी है। लहरी बताती है कि वे दस सालों से बीज बैंक संचालित करती है ,लेकिन मोदी की प्रशंसा पाने के बाद अब वह जिले में पहचान की मोहताज नहीं है। उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास भी मिल गया। पहले उसके लिए कई चक्कर काटे थे। जिले के कलेक्टर लहरी को सम्मानित भी कर चुके है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी जी-20 सम्मेलन में लहरी की प्रशंसा कर चुके है। लहरी राजनीति में हाथ आजमाना चाहती है।
लहरी बताती है कि वे अपने माता-पिता की सेवा करना चाहती है, इसलिए शादी नहीं की। बचपन से ही उन्हें बीज इकट्ठा करने की ललक थी। वह जहां भी जाती थी, बीज एकत्र कर लेती थी। इस कारण उनके पास वे बीज भी आने लगे, जिनकी किस्में धीरे-धीरे खत्म हो रही है। उनके बीज बैंक में मोटे अनाज की करीब 60 किस्मों के बीज हैं।
लहरी बाई बाजरा के दुर्लभ संग्रह को संरक्षित करने के लिए अनाज उगाती हैं, जिसमें चावल की तुलना में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। ज्वार छोटी बाजरा (कुटकी), (कंगनी), बाजरा भारत में पाई जाने वाली कई किस्मों में से एक हैं। यह सभी लहरी के पास मिल जाएगी।