हंगामे और बहस के बीच पार्षद करते रहे बजट पर चर्चा,गंदे पानी के मुद्दे पर भाजपा पार्षद भी नाराज

इंदौर मध्यप्रदेश

नगर निगम बजट पर पार्षदों के बीच सम्मेलन ने जोरदार बहस हुई। कई बार ऐसे मौके भी आए जब भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने हंगामा किया और सदन में चल रही बहस शोरगुल में तब्दील हो गई। गंदे पानी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद बोले ही, एक भाजपा पार्षद ने भी नाराजगी भरे स्वर मेें इस समस्या को बोलकर सबको चौका दिया। कई बार हंगामे के कारण सदन के माइक भी बंद करने पड़े।

सुबह 11 बजे सम्मेलन की शुरुआत हुई तो एमआईसी मेंबर जीतू यादव ने नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के सभापति की आसंदी पर चढ़ने पर आपत्ति जताई और माफी मांगने की बात कही। इस मुद्दे पर दस मिनिट तक हंगामा हुआ। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने माफी मांगी और बजट पर अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि मेयर ने कहा कि नया कर नहीं लगाया, लेकिन रेट झोन बदल कर 400 से ज्यादा कालोनियों पर कर को बोझ बड़ा दिया। इसे वापस लेना चाहिए। चौकसे ने कहा कि राजवाडा पर ज्यादा जगह नहीं है। वहां पर नए प्रयोग नही करना चाहिए। अहिल्या लोक लालबाग परिसर में ही बनना चाहिए।

भाजपा पार्षद ने ही किया विरोध

सम्मेलन में प्रश्न उत्तर काल नहीं रखने के मुद्दे पर भाजपा पार्षद लाल बहादूर ने ही विरोध कर दिया। वे खड़े होकर बोले कि जनप्रतिनिधि को अपनी बात कहने का हक मिलना चाहिए। उन्होंने गंदे पानी का मुद्दा उठाया और कहा कि मुझ पर मेरे वार्ड की जनता का दबाव है, इसलिए मुझे यह बात सदन में कहना पड़ रही है।

हंगामे के कारण बंद कर दिए माइक

सदन में एक दो बार ऐसे भी हालत बने जब हॉल के माइक बंद करना पड़े। एमआईसी मेंबर निरंजन सिंह चौहान ने कांग्रेस के शासन काल मे लालबाग को बेचने की कवायद का जिक्र किया, तो हंगामा हो गया। इस बीच हॉल का माइक बंद कर डिया गया।

इन पार्षद ने भी रखी अपनी बात

-एमआईसी मेंबर निरंजन चौहान ने कहा कि कई कालोनियों के रेट झोन कम भी किए गए है। हमने असमानता दूर करने की कोशिश की।

-पार्षद फौजिया शेख अलीम ने कहा कि बजट में डिजिटल, सोलर सिटी बनाने के दावे किए गए, लेकिन मच्छर, गंदे पानी जैसी समस्या दूर नहीं हो पा रही है।

– महापौर परिषद सदस्य मनीष शर्मा को सदन में बोलने का मौका दिया तो उन्होंने लाड़ली बहना योजना पर गीत सुना दिया। इस पर विपक्ष के पार्षदों ने आपति्त ली।

-महापौर परिेषद सदस्य जीतू यादव ने कहा कि इंदौर में एक लाख से ज्यादा लाइट है। कई लाइट खराब है। इस बारे में हमने कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की तैैयारी की है। लाइट को लगाने के मामले में हमने पक्षपात नहीं किया। पूरे शहर मे हमने उजाला किया है।

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