मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर की शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के पूर्व पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं से हुई। तोमर ने मिलने के लिए कई नेताओं को नहीं बुलाया गया जिससे वे नाराज हैं। पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता भंवरसिंह शेखावत ने कहा है कि दो-तीन नेता पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। कई वरिष्ठ नेताओं समेत मुझे भी बैठक में नहीं बुलाया गया। कुछ लोगों ने लिस्ट बनाई और हमारे नाम जानबूझकर काट दिए। शेखावत ने कहा कि मैंने इस बात की जानकारी तोमर को भी दी है। मैंने उन्हें यह भी कह दिया है कि यदि इसी तरह से वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया तो चुनाव में पार्टी को नुकसान होगा।
शेखावत ने कहा है कि चुनाव के पहले सभी नेताओं की पूछपरख बढ़ गई है। पहले तो सिर्फ चुनिंदा नेताओं को ही कार्यक्रमों में बुलाया जाता था। चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो उन लोगों को भी तवज्जो मिल रही है जो पार्टी के खिलाफ भी काम करते हैं। वहीं हम जैसे वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह सब समझ से परे हैं। शेखावत ने यह भी कहा कि पार्टी के खिलाफ जिन भी लोगों ने काम किया उन पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। इससे गलत संदश गया। जो पार्टी के खिलाफ काम करते हैं कभी कभी तो उन्हें भी उपकृत कर दिया जाता है। जब भी कोई बड़ा नेता आता है तो पहले वरिष्ठ लोगों को बुलाना चाहिए।