इंदौ: शिप्रा थाना पुलिस को 25 मार्च को 13 साल की नाबालिग लड़की का शव मांगलिया रेलवे ट्रैक के पास मिला था। पुलिस ने अब इस मामले में खुलासा कर दिया है। पुलिस ने एक महिला उसके बेटे, बेटी और पति को आरोपी बनाया है और दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। आरोपियों ने पूछताछ में हत्या करने की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने बताया कि लड़की पीथमपुर की रहने वाली थी। आरोपी लड़की को अपने साथ बरगला कर इंदौर लाए थे। वे उसे बेचना चाहते थे। इन लोगों ने पहले उसका सौदा 15 हजार रुपए में करने की बात की। खरीदार ने लड़की की उम्र कम होने की वजह से सौदा कैंसिल कर दिया। इसके बाद इन लोगों ने नाबालिग को बेचने के लिए एक अन्य व्यक्ति से बात की। यहां भी सौदा नहीं जमा क्योंकि ये लोग ग्राहक से ज्यादा पैसे मांग रहे थे। इसके बाद मौका देखकर लड़की चारों के चंगुल से निकलने की कोशिश में भाग गई। इस पर आरोपियों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने जगदीश परमार उसकी पत्नी मनोरमा, बेटे और बेटी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तब मामला खुला। पुलिस के मुताबिक जगदीश और मनोरमा दोनों की दूसरी शादी है।
एसपी (ग्रामीण) हितिका वासल ने बताया कि 25 मार्च को नाबालिग लड़की का खून से सना शव मिला था। पास में शराब की बोतल और खाने की सामग्री भी थी। पहले पुलिस को लग रहा था कि उसे दुष्कर्म की नीयत से मारा गया है लेकिन 100 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से पुलिस ने कड़िया जोड़ी और इसके बाद जांच पीथमपुर तक जा पहुंची। वहां पर पता चला कि लड़की पीथमपुर से लापता है और 22 मार्च को सेक्टर-1 थाना में अपहरण का केस भी दर्ज हुआ था। इसके बाद में पुलिस ने महू और इंदौर आने वाले रास्तों के फुटेज निकाले तो 22 मार्च को ही लड़की महू बस स्टैंड पर दो महिलाओं के साथ नजर आई। लड़की के परिजन को फुटेज दिखाए तो वे दोनों महिलाओं को पहचान गए। उन्होंने बताया कि महिलाएं किरण पति प्रवीण और उसकी मां मनोरमा पति जगदीश परमार हैं जो इनके घर के पास ही रहती हैं। एडिशनल एसपी (ग्रामीण) शशिकांत कनकने ने सोमवार को दोनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया।