इंदौर में जी-20 समूह की एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक 13 से 15 फरवरी तक होगी। डेलीगेट्स 12 फरवरी को ही इंदौर आ जाएंगे। कोविड-19 के अनुभवों के बाद सभी डेलीगेट्स के लिए इससे जुड़ा निगेटिव सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है।
जिन देशों में यलो फीवर था या है, वहां से आने वालों को इससे जुड़ा सर्टिफिकेट भी लाना होगा, वह भी अधिकतम 10 दिन पहले का। कुल 40 पेज की गाइडलाइन तैयार की गई है। इसमें वे देश में क्या-क्या वस्तुएं ला सकते हैं, कितनी मात्रा में ला सकते हैं इन सभी की जानकारी है। उन्हें यह तक बताया गया है कि यहां बिजली की फ्रिक्वेंसी कितनी है और चार्जर-सॉकेट कौन से लगेंगे। हर डेलीगेट के पास पासपोर्ट की छह महीने की वेलिडिटी होना चाहिए।
- 100 प्रमुख प्रतिनिधि विभिन्न देशों से आएंगे बैठक के लिए
- 03 दिन तक चलेगी एग्रीकल्चरल वर्किंग ग्रुप की बैठक
- 40 पेज की गाइडलाइन बनाई है इंवेट के लिए
- एग्रीकल्चर ग्रुप वर्किंग कमेटी की बैठक 13 फरवरी से इंदौर में
सैटेलाइट फोन, ई-सिगरेट, ड्रोन नहीं ला सकेंगे विदेशी मेहमान
आमतौर पर विदेश से आने वाले प्रतिनिधियों के लिए सबसे ज्यादा सेंसेटिव इश्यू वह सामान होता है, जो सीधे कस्टम, एक्साइज से जुड़ा है। इसलिए गाइडलाइन में स्पष्ट है कि कस्टम नियमों के मुताबिक डेलीगेट्स को ई-सिगरेट, लाइटर, सैटेलाइट फोन और ड्रोन को पर्सनल बैगेज में लाने की सुविधा नहीं होगी। हालांकि विदेशी मेहमान अपने साथ 2 लीटर तक एल्कोहल, 100 सिगरेट, 25 सिगार और 125 ग्राम टोबेको ला सकेंगे।
एयरपोर्ट से आयोजन स्थल की दूरी, पहुंचने का समय भी बताया
गाइडलाइन में प्रतिनिधियों को यह भी बताया गया है कि एयरपोर्ट से वेन्यू 24 किमी है, जहां पहुंचने में 45 मिनट लगेंगे। इस तरह सिटी से आयोजन स्थल की दूरी 10 किमी है, जिसमें 20 मिनट लगेंगे। कुछ प्रतिनिधियों को रेडिसन, मैरियट में भी रुकवाया जाएगा। आयोजन में 100 प्रमुख प्रतिनिधि होंगे। वहीं कुल सदस्यों की संख्या 250 होगी। दिल्ली और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ऐमिग्रेशन की प्रक्रिया होगी। एयरपोर्ट पर डेलीगेट्स का स्वागत भी होगा।
राजबाड़ा, लालबाग, पातालपानी के साथ मांडू भी जाएंगे मेहमान
गाइडलाइन में मीटिंग वेन्यू, फ्लाइट इनफार्मेशन के साथ ही महत्वपूर्ण तारीखों का भी उल्लेख है। इंदौर का मौसम कैसा रहेगा। किस तरह के कपड़े लाना हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कैसे कपड़े पहने जा सकते हैं, इसकी जानकारी भी दी है। मेहमान पहले दिन इंदौर में ही रहेंगे। यहां वे राजबाड़ा, लालबाग, पातालपानी के अलावा माहेश्वरी साड़ियों की मेकिंग भी देख सकते हैं। दूसरे दिन उन्हें मांडू में रानी रूपमति का महल, जहाज महल, हिंडोल महल दिखाया जाएगा।
बिजनेस सेंटर, मेडिकल और प्रेयर रूम की सुविधा भी
तीनों दिन के प्रोग्राम ग्रैंड शेरेटन होटल में होंगे। सभी सदस्यों को सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इसके लिए हर बार कार्ड या आईडी दिखाना होगा। बैगेज की भी कलर कोडिंग होगी। आयोजन स्थल पर बिजनेस सेंटर, प्रार्थना कक्ष और मेडिकल रूम की सुविधा भी होगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रतिनिधि किसी भी देश के हो, उनके लिए भाषा अंग्रेजी ही होगी। अन्य भाषा के इन्टरप्रिटेशन की सुविधा नहीं दी जाएगी। डेलीगेट्स को मीटिंग वेन्यू के फोटो भी भेजे गए हैं।
पर्यावरण के अनुकूल स्थायी कृषि से सतत विकास पाने की राह खोजेंगे
बाइलेट्रल मीटिंग होटल के अलग-अलग कक्षों में होगी। मुख्य हाॅल में जगह फुल हो जाती है तो उन्हें स्क्रीनिंग के माध्यम में दूसरे रूम में बैठना होगा। मुख्य एजेंडे में पर्यावरण के अनुकूल कृषि कैसे की जाए और इससे सतत विकास कैसे पाएं इसे भी शामिल किया गया है। बैठक से क्या निकल कर आया, इसकी घोषणा भी इंदौर में ही होगी। आगे की रणनीति का खुलासा भी किया जाएगा।