मोदी सरकार ने मालिकों के हक में कानून लाकर कर्मचारियों के अधिकारों और हितों को समाप्त किया- नाना पटोले

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मुंबई । देश की आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूरे राष्ट्र को विकास के पथ पर अग्रसर बनाने के साथ-साथ श्रमिकों के हितों और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा। कांग्रेस ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी मदद से भारत को एक शक्तिशाली देश बनाया। कांग्रेस सरकार ने कई कानून पारित कर श्रमिकों को उनके अधिकार दिए लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने नियोक्ता कानून लाकर श्रमिकों के अधिकारों और हितों को समाप्त करने का काम किया है। बीजेपी सरकार पर यह जोरदार हमला महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है। उन्होंने कहा कि पहले के कानून में श्रमिकों को विभिन्न रियायतें अधिकार और विशेषाधिकार दिए गए थे लेकिन अब उन्हें काफी हद तक बदल दिया गया है। पटोले ने कहा कि नए कानून में श्रमिकों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने की कोशिश की गई है। इस श्रम कानून ने सब कुछ नियोक्ताओं के हाथ में दे दिया है।
नाना पटोले शुक्रवार को मुंबई से सटे पनवेल में इंटक के राज्य स्तरीय सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने ढेर सारे वादे कर सत्ता हासिल की थी। जिसमें हर साल 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने के अलावा एक देश एक टैक्स और सबके बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा कराने के वादे किए गए थे। इसके अलावा किसानों की आय दोगुनी करने का भी आश्वासन दिया गया था। इन वादों के आधार पर देश की जनता ने बहुमत से भाजपा को सत्ता भी दी है लेकिन सत्ता में आते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया को अपने कब्जे में ले लिया और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खत्म कर दिया। प्रशासनिक तंत्र पर दबाव डाला जा रहा है। न्यायपालिका भी इससे अलग नहीं है। बीजेपी सरकार ने किसानों को अलग-थलग करने के लिए तीन काले कानून लाने की योजना बनाई लेकिन कांग्रेस ने पूरे देश में इसके खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई। किसानों के आंदोलन का समर्थन किया और आखिरकार मोदी सरकार को काले कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार देश में महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं को चंद उद्योगपति मित्रों को सौंपने की पूरी तैयारी कर ली है। निजीकरण की इस नीति से श्रमिकों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इस वजह से देश के कामगारों में भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ भारी असंतोष है। नाना पटोले ने कहा कि मजदूर मेहनत से अपना गुजारा करता है लेकिन उन्हें मजबूत बनाने की जगह केंद्र की मोदी सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है।  मोदी सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रों का 10.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया और मजदूरों के हितों की पूरी अनदेखी की है। कामगारों के हितों की रक्षा के लिए भाजपा के पास कोई योजना नहीं है।
नाना पटोले ने कहा कि साल 2014 के बाद से देश में स्थिति बदल गई है। इससे पहले सरकार संविधान के लोकतांत्रिक आधार पर चलाई जा रही थी लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार आते ही सारी व्यवस्था बदल गई है। इस तानाशाही के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत की है। सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लाकर देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के राहुल गांधी 3500 किमी की  पैदल यात्रा पर निकले हैं। पटोले ने कहा कि देश में कामगारों की ताकत बहुत बड़ी है और इंटक उनकी  हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से कटिबद्ध है। इस संगठन का नेटवर्क हर जगह है और कांग्रेस पार्टी कामगारों के पीछे मजबूती से खड़ी है। पटोले ने कहा कि मुझे विश्वास है कि केंद्र और महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार आएगी और उसके बाद हम सब मिल कर कामगारों की हितों की रक्षा के लिए नए सिरे से काम शुरू करेंगे।

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