ऐसे ही घुटने टेकोगे… भारत से 1971 की हार पर तालिबान ने पाक को चिढ़ाया, शेयर की तस्वीर

अंतरराष्ट्रीय

इस्लामाबाद :पाकिस्तान लगातार कई संकटों से घिरता जा रहा है। सियासी और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सामने अब तहरीक-ए-तालिबान भी चुनौती  बनकर खड़ा है। टीटीपी ने अपनी कैबिनेट तक का ऐलान कर दिया है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तानी गृह मंत्री ने अफगानिस्तान में अटैक करने की धमकी दे डाली। इसपर एक तालिबानी नेता ने 1971 की तस्वीर साझा करके  पाकिस्तान का मजाक उड़ाया है। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान ने भारत के सामने जिस तरह से घुटने टेके थे, वह जख्म आज तक भरा नहीं है। वहीं तालिबान नेता ने यह तस्वीर शेयर करे जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया है।

तालिबानी नेता यासिर अहमद ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान को ऐसी शर्मनाक स्थिति से बचना चाहिए। हाल ही में पाकिस्तानी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (TTP) के ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई करने का संकेत दिया था। इसी के जवाब में 1971 की तस्वीर शेयर करते हुए अहमद यासिर ने लिखा, ‘बहुत बढ़िया जनाब पाकिस्तानी वजीर! अफगानिस्तान कोई सीरिया और पाकिस्तान नहीं है जहां कुर्दों को टारेगट किया जाए। अफगानिस्तान महान सम्राटों की धरती है। हम पर सैन्य कार्रवाई के बारे में ना सोचिए वरना भारत के सामने सरेंडर वाला हाल दोबारा होगा।’

यासिर ने जो तस्वीर शेयर की है वह 16 दिसंबर 1971 की है जब पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की ओर से सरेंडर किया था। भारत इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाता है। कुछ दिन पहले राणा सलाउद्दीन ने कहा था कि अफगानिस्तान में विद्रोहियों के ठिकानों पर हमला करने का अधिकार पाकिस्तान के पास है। अगर अफगानिस्तान खुद टीटीपी के ठिकानों को तबाह नहीं करता तो पाकिस्तान को कार्रवाई करनी पड़ेगी।

पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा था, ‘जब भी ऐसी कोई दिक्कत होती है हम सबसे पहले अफगानिस्तान से पूछते हैं। हम कहते हैं कि इस तरह के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की जाए। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हमें कुछ करना पड़ेगा।’ इस बयान के पलटवार में तालिबानी प्रवक्ता ने कहा था, अफगानिस्तान पाकिस्तान से अच्छे संबंध चाहता है लेकिन पाकिस्तानी नेताओं को बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी देश के पास दूसरे देश पर हमला करने का अधिकार नहीं है।

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