नई दिल्ली :आम चुनाव में अभी करीब डेढ़ साल का वक्त है, लेकिन भाजपा ने अभी से तैयारियां तेज कर दी हैं। यहां तक कि होम मिनिस्टर अमित शाह ने ही इस अभियान की कमान संभाल ली है। वह अकेले जनवरी महीने में ही 11 राज्यों का दौरा करने वाले हैं। इसे लोकसभा प्रवास का नाम दिया गया है। भाजपा ने इस कार्यक्रम की शुरुआत बीते साल की थी, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों को अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। हर मंत्री को 3 से 4 लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी गई है और उन्हें यहां संगठन को मजबूत करने एवं कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहने को कहा गया है।
मंत्रियों से कहा गया है कि वे इन इलाकों में संगठन के पेच कसें और गुटबाजी को खत्म कराने का प्रयास करें। इसी कड़ी में अब अमित शाह भी सक्रिय हो गए हैं। वह सबसे पहले 5 जनवरी को त्रिपुरा जाने वाले हैं। इसके बाद यहां राज्य स्तरीय यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद 6 जनवरी को वह मणिपुर और नागालैंड पहुंचने वाले हैं। इन तीनों ही राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। यही नहीं पूर्वोत्तर से होते हुए अमित शाह 7 जनवरी को छत्तीसगढ़ और झारखंड जाएंगे। अगले दिन यानी 8 जनवरी को अमित शाह आंध्र प्रदेश पहुंचेंगे।
मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी को अमित शाह यूपी के दौरे पर होंगे। फिर 17 को बंगाल जाएंगे। बता दें कि भाजपा के महासचिव के तौर पर अमित शाह ने 2014 में यूपी चुनाव की कमान संभाली थी। अमित शाह का इसी महीने कर्नाटक जाने का भी प्लान है। वह 28 जनवरी को उत्तर कर्नाटक के हुबली पहुंचेंगे। यहां वह कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। कर्नाटक में इसी साल मई में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। महीने के आखिर में अमित शाह 29 तारीख को पंजाब और हरियाणा के दौरे पर भी जाएंगे।
भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों को दिए ‘लोकसभा प्रवास’ के टास्क की समीक्षा भी की है। हाल ही में ऐसी ही एक बैठक में पाया गया था कि कुछ मंत्रियों ने अपने टास्क को पूरा नहीं किया है और लोकसभा क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है। इसे लेकर शीर्ष नेतृत्व ने नाराजगी भी जाहिर की थी। ऐसे में अमित शाह के टूर को केंद्रीय मंत्रियों के लिए उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है।