भूमाफिया चंपू , हैप्पी धवन, चिराग शाह की जमानत हो सकती है रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दिए निर्देश कहा पूर्व जज से कराएं जांच

इंदौर मध्यप्रदेश

इंदौर :भूमाफिया चंपू अजमेरा, हैप्पी धवन, चिराग शाह, नीलेश अजमेरा आदि से पीड़ित से को पीड़ितों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर जन सुनवाई करते हुए कई अहम निर्देश जारी किए हैं, कहा है कि हमारे पास जो जानकारी आई है। इससे सामने आया है जमीन घोटाले में शामिल कुछ लोगों द्वारा अभी भी पीड़ितों के क्लेम सेटल नहीं किए गए हैं। इस पूरे मामले में पीड़ितों को 15 साल से अधिक समय हो गया है। इसलिए मामला तेजी से निराकरण के लिए 6 दिसंबर को इसमें हम हाई कोर्ट में सुनवाई के निर्देश दे रहे हैं। हाई कोर्ट इस दौरान सभी पक्ष कार शासन, पीड़ित ,आरोपी, बिल्डर, डेवलपर इंटरविनार सहित अन्य को सुनवाई का मौका देगा। यदि हाईकोर्ट को लगता है कि इस मामले में शासन द्वारा बनाई गई कमेटी के पर अन्य कमेटी बनाने की जरूरत है तो वह हाई कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर पीड़ितों के लिए काम करा सकता है। हाईकोर्ट इसमें हर पक्ष को सुनेगा।

मध्य प्रदेश सरकार चाहे तो जमानत रद्द करा सकेगा

सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा है कि यदि मध्यप्रदेश शासन को लगता है कि इस मामले में कुछ लोगों द्वारा क्लेम सेटलमेंट के लिए मदद नहीं की जा रही है। तो वह हाईकोर्ट में इस बात के लिए स्वतंत्र है। इनकी जमानत रद्द करने के लिए कह सकता है और हाईकोर्ट से लेकर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि तब तक नवंबर 2021 में दिए गए निर्देशों के तहत सभी को जमानत जारी रहेगी।

क्या था मामला

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2021 में चंपू अजमेरा, चिराग शाह, नीलेश अजमेरा, हैप्पी धवन सहित कई भू माफियाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिए थे। कि इनसे पीड़ितों की सूची बनाई जाए। इनकी क्लेम सेटेलमेंट के लिए आरोपियों को जमानत सशर्त दी जाती है। इसके बाद चंपू और धवन जेल से बाहर आए थे। चिराग और नीलेश 2 सालों से फरार हैं और वह सामने ही नहीं आए हैं। प्रशासन द्वारा सुनवाई कर कालिंदी गोल्ड ,सैटेलाइट , फीनिक्स कालोनियों के पीड़ितों की शिकायतें ली जो करीब 270 अधिक थी।

50 प्रतिशत मैटर ही हुए निराकृत

1 साल की लंबी कवायद के बाद भूमाफिया के साथ दर्जनों बैठक के बाद भी 50 फ़ीसदी मैटर ही निराकृत हो सके। अभी भी कई पीड़ितों को भूमाफिया राशि या प्लॉट देने को तैयार नहीं है और कोई ना कोई अड़ंगा लगा देते हैं। जिला प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट में बता दिया है कि अब इससे ज्यादा निराकृत करना हमारे बस की बात नहीं है। मुख्य रूप से निराकृत नहीं करने वालों में कैलाश गर्ग, हैप्पी धवन के नाम सामने आए हैं। चिराग शाह सामने नहीं आया है हालांकि उसके मैनेजर साजिद पर दबाव बनाकर प्रशासन ने कुछ मामले निराकृत कर सका है। वहीं नीलेश भी सामने नहीं आया चंपू ने भी पूरे मामले निराकृत नहीं किए। उसका और कैलाश गर्ग का विवाद चल रहा है। जमीन और बैंक लोन को लेकर चल रहा विवाद सेटलमेंट में एक बड़ी वजह बना है।

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