इंदौर में फांसी लगाकर अपनी जिंदगी का अंत करने वाली करुणा शर्मा की जान बीसी फंड के कारण गई और खुद उसकी सहेली मोना शर्मा, बिल्डर हेमंत अत्रिवाल की पत्नी प्रमिला अत्रिवाल, कृष्णा सोनी ने ही उसे कर्ज के जाल में फंसाया। उसने अपने सुसाइड नोट में भी अपनी आपबीती लिखी है। 10 पेज के सुसाइड नोट में उसने कहा कि- मेरा जीवन नर्क बन चुका है। अब प्रेशर सहा नहीं जाता। मुझे पता है कि मेरी मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं होगी, क्योंकि उनकी पहुंच है। यदि इन लोगों को सजा हुई तो मुझे संतुष्टी मिलेगी कि कुछ सिस्टम है। मुझे मौत की भीख मांगते-मांगते सालभर से ज्यादा हो गया था। भगवान करे मुझे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले मुझसे भी बदतर स्थिति में हों। जैसे मैं तड़पी, वैसे ही यह लोग तड़पेंगे। सब तैयार हो जाना अपनी बारी के लिए।
परिचितों के रुपये बीसी में लगवाए थे
करुणा चार साल से महिलाओं के ग्रुप की बीसी से जुड़ी थी। करुणा ने कई परिचितों के लाखों रुपये बीसी में लगाए थे, लेकिन मोना और प्रमिला करुणा को पैसे नहीं लौटा रहीं थीं। जिन लोगों से करुणा ने रुपये लिए थे, वे भी दबाव बनाने लगे थे। उन लोगों को वह अपने पास से पैसा देने लगी थी। करुणा बैंक के कर्ज की किश्तें भी नहीं भर पा रही है। इससे वह तनाव में डूब गई थी। रुपये मांगने पर करुणा का पति हत्या की धमकी देता था। कुछ दिनों पहले उसके घर पर भी तोड़फोड़ हुई थी। इसके बाद करुणा ने अपने पति को भी भिलाई भेज दिया था। दोनों अलग-अलग रहने लगे थे। जिस दिन करुणा ने फांसी लगाई। पति उत्तम भिलाई में थे। करुणा को उन्होंने फोन लगाया, जब उसने काॅल नहीं उठाया तो उन्होंने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग मोबाइल में देखी। तब करुणा फांसी के फंदे पर लटककर तड़प रही थी। उत्तम ने अपने पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी, लेकिन तब तक करुणा की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है और जल्दी ही करुणा को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा सकता है।
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